ओ.पी. शर्मा
ओ.पी. शर्मा
वर्षाजल संरक्षण एवं उपयोग (Rain Water Conservation and Usage)
Posted on 14 Aug, 2017 12:41 PM‘‘बूँद-बूँद जो छत पर बरसे
बिनती है सब नर नारी से
ना बहने दो इसको घर से
वरना जन-जन जल को तरसे’’
जल अमृत ही नहीं, औषधि भी (Water not only nectar but also medicine)
Posted on 05 Aug, 2017 11:08 AMरेगिस्तान में प्राचीन परंपरात जल संग्रहण पद्धतियों की बेशुमार थाती उपलब्ध है। इन्हीं थातियों से जलते रेगिस्तान में ठंडक बरसती थी आज भी ये कारगर हैं। कभी कुएँ, बावड़ी, तालाब और जोहड़ आदि बनवाना पुण्य का कार्य माना जाता था। राजस्थान में सेठ-साहूकार चाहे मातृभूमि में रहें या ना रहें, कुएँ, तालाब और बावड़ियाँ बनवाना नहीं भूलते थे।