निलय उपाध्याय

निलय उपाध्याय

(28 जनवरी, 1963)


जन्म स्थान :


बक्सर।
हिंदी के चर्चित युवा कवि एवं समीक्षक।
दो कविता-संग्रह : ‘अकेला घर हुसैन का’ और ‘कटौती’।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित कविताएं व लेख-समीक्षाएं प्रकाशित व प्रशंसित।

वृत्ति :


बिहार सरकार के अस्पताल में फार्मेसिस्ट।
अनेक मानद सम्मानों से सम्मानित।

संपर्क :


एल.एच. ⅜, हाउसिंग कॉलोनी, चंदवा, आरा, बिहार।

गंगा का संकट और समाधान
अंग्रेजों ने गंगा के साथ वही सलूक किया, जो यहां के लोगों के साथ किया। गंगा के साथ सरकार का अंग्रेजों वाला ही रिश्ता आज भी है। आजाद होने के बाद गंगा को तो पता ही नहीं चला कि यह सब इतना चुपके चुपके कैसे और कब हो गया। गंगोत्री से हरिद्वार तक की यात्रा में गंगा बस गंगनानी के ऊपर ही दिखती है, इसके बाद गंगा का दर्शन तो बस झील दर्शन है। केदार नाथ और बद्रीनाथ के रास्तों पर भी बांधों के ही दर्शन होते हैं। गंगा का संकट जल के चरित्र का संकट है। आने वाले समय में यह जल संकट भयानक रूप लेने वाला है। इससे बचने का एक ही रास्ता है कि अगर नदी और लोगों के बीच से सरकार हट जाय, तो गंगा ही नहीं, देश की सारी नदियां वापस अपने रूप में आ सकती हैं और हमारा जल चक्र ठीक हो सकता है।
Posted on 20 Oct, 2023 12:10 PM

चार महीनों तक गंगा के साथ रहा। स्वर्ग लोक की ऊंचाइयों से मृत्युलोक और पाताल लोक की गहराई तक यात्रा करते हुए, गंगा के अनगिनत संकटों को प्रवृत्तियों की तरह देखने और गहन विश्लेषण के बाद मुझे मूलत: पांच संकट नजर आए। बंधन, विभाजन, प्रदूषण, गाद और भराव। ये संकट नदी को मौत तक पहुंचा देते है। इन अर्थों में गंगा मौत के बहुत करीब है।

हिमालय और गंगा,Pc-हिमालय और गंगा
×