Posted on 12 Jul, 2014 02:48 PMप्राकृतिक संसाधनों के धनी क्षेत्र उत्तराखंड में पिछले कई वर्षों से संसाधनों की लूट मची है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही यह मंजर देखने को मिलता रहा है। कई पीढ़ियों से प्रकृति के साथ जी रहे यहां के जनमानस का जुड़ाव प्रकृति के साथ स्वाभाविक है। इसीलिए स्वार्थवश संसाधनों के दोहन के विरोध में उत्तराखंड के ग्रामीण आगे आते रहे हैं। यहां के ग्रामीणों का जीवन जल-जंगल व जमीन पर निर्भर है। इसके बावजूद