मीनाक्षी नटराजन

मीनाक्षी नटराजन
चम्बल संग जीवन धारा
Posted on 02 Jul, 2015 10:48 AM
हो सकता है कि एकबारगी चम्बल का नाम सुनकर आपके मन में आस्था का वह ज्वार न उमड़े जैसे गंगा का नाम सुनकर उमड़ता है। लेकिन इससे चम्बल उपेक्षिता नहीं हो जाती है। महाभारत काल में भी इसका उल्लेख मिलता है। चर्मण्वती यानी आज की चम्बल के सहारे ही कुन्ती पुत्र कर्ण के राधेय बनने की यात्रा शुरू हुई थी। इस पौराणिक नदी के संग-साथ बिताए अपने दिनों के बहाने नदी और मानवीय सम्बन्धों की पड़ताल कर रही हैं लेखिका
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