लक्ष्मी कण्णन
लक्ष्मी कण्णन
आकार लेता हूँ
Posted on 19 Jan, 2014 03:36 PMमै जलउस पात्र का आकार लेता हूं
जिसमें होता हूँ
चक्र और गोल
मिट्टी का घड़ा बन जाता हूँ
लम्बी और पतली
बोतल सी देह में ढल जाता हूँ
अथवा मेज पर पडा़ गिलास
जिस पात्र में प्रवेश
वही वर्ण,वही वेश
मै हूँ कि देखी तुमने पारदर्शिता
मैं हूं कि दृश्यमान हुई तरलता