कृष्ण मोहन झा

कृष्ण मोहन झा
बाढ़ के बाद
Posted on 10 Oct, 2014 01:13 PM
आधी रात को
जबकि पूरा गांव
नींद की बाढ़ में डूब जाता है
कुएं से निकलती हैं कुछ स्त्रियां
और करने लगती हैं विलाप

डबरे से निकलते हैं थोड़े बच्चे
और भगदड़ मचाने लगते हैं

पेड़ों से कुछ पुरुष नीचे उतर आते हैं
और उपछने लगते हैं पानी

कहते हैं कि हर रात को बीचे हुओं की दुनिया
जीवन के लिए छटपटाने लगती है

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