Posted on 09 Jun, 2013 03:45 PMगर्मी में पानी की उपलब्धता को लेकर न सिर्फ शहरवासी चिंतित रहते हैं, बल्कि सरकार व प्रशासन भी। प्रशासन पानी की आपूर्ति को लेकर मैराथन बैठक भी करता है, पर नतीजा हर साल सिफर ही रहता है। गया की भौगोलिक बनावट भी कुछ ऐसी है कि पानी के लिए हाय-तौबा मची ही रहती है। तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरे गया जिले में हर जगह चाहे गांव हो या शहर, पानी की किल्लत बनी ही रहती है। गर्मी की दस्तक के साथ ही जलापूर्ति को लेक
Posted on 25 Nov, 2012 10:17 AMकिसी भी जिले या शहर की संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने का एक कारक तालाब भी है। इससे वहां की खूबसूरती भी बढ़ती है। युगो-युगों से नगर के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में तालाबों को स्वीकार किया गया है। इतिहास गवाह रहा है कि मानव सभ्यता का विकास किसी नदी के किनारे ही हुआ है। भारतीय सभ्यता संस्कृति का शैशव काल यानी सिंधु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो से प्राप्त विशाल स्नानागार इतिहास में जिसकी चर्चा