जयराम रमेश
समावेशी विकास व अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का द्वन्द
Posted on 08 Apr, 2018 01:31 PM
यह पुस्तक पर्यावरण के प्रति संशय भरी दृष्टि रखने वाले व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति आस्थावान बनने के बारे में है, पर उस कहानी को कहने के लिये मुझे एकदम शुरू से आरम्भ करना होगा।
यूपीए सरकार के पुनः निर्वाचित होने के बाद 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मुझे पर्यावरण एवं वन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद देने की पेशकश ने (जो कैबिनेट मंत्री के दर्जे से तनिक कमतर था) मुझे हैरान किया क्योंकि मेरी पृष्ठभूमि एक आर्थिक प्रशासक की थी। पहले मैं वाणिज्य एवं ऊर्जा विभाग में मंत्री रहा। सरकारी अधिकारी के तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय, योजना आयोग, उद्योग मंत्रालय और ऊर्जा सलाहकार परिषद में अपनी सेवाएँ दी थी।
सशक्तीकरण का कारगर उपाय
Posted on 23 Feb, 2016 09:07 AMग्रामीण परिवारों के एक चौथाई हिस्से को मनरेगा हर साल 40-45 द
नमामि गंगे का गोमुख
Posted on 01 Sep, 2014 01:04 PM‘नमामि गंगा’ राजग सरकार की पहल है, जो हासिल उपलब्धियों के आधार पर होनी चाहिए। इसे तमाम संगठनों से सौहार्द-भाव जताते हुए नए आयाम हासिल करने चाहिए..निर्मल भारत अभियान
Posted on 29 Sep, 2012 10:00 AM स्वच्छता की दिशा में एनबीए एक नया अध्याय है जो 2022 तक भारत में खआर्थिक विकास और पारिस्थितिकीय सुरक्षा का द्वन्द
Posted on 17 Jan, 2019 05:28 PMएक तरफ उद्योग और विकास परियोजनाओं के लिये अधिक वन क्षेत्र के विचलन का दबाव और दूसरी तरफ वन क्षेत्र को बढ़ाने का
नहीं का मतलब नहीं
Posted on 08 Jan, 2019 04:44 PMमेरे पदभार सम्भालने के पहले 99.99 प्रतिशत अनुमति ‘हाँ’ वर्ग के थे। मैंने ‘हाँ लेकिन’ और ‘नहीं’ वर्गों की संख्या
विकास बनाम पर्यावरणीय सुरक्षा
Posted on 21 Dec, 2018 05:58 PMपर्यावरणीय बहस के पुनर्विन्यास की वकालत की है, केवल विकास बनाम पर्यावरण के द्वन्द्व से बचने भर की नहीं, बल्कि पर
सुनिश्चित हो आमजन की सहभागिता
Posted on 12 Dec, 2018 11:28 AMमेरे अनेक मंत्रीमंडलीय सहयोगियों ने बीटी-बैंगन के मामले में मेरे फैसले का यह कहते हुए विरोध किया कि यह भारतीय वि