जय प्रकार
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तंत्रिकातंत्र के असाध्य पार्किन्सन रोग के निदान में कारगर : केवाँच
Posted on 02 Dec, 2016 01:20 PMभारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण हमेशा ही संवेदनशील विषय रहा है। पारिस्थितिकीय संतुलन एवं पर्यावरण संरक्षण के उल्लेख महाभारत, रामायण, वेद, उपनिषद, भगवद गीता एवं पुराणों जैसे प्राचीन ग्रंथों में प्रचुरता से मिलते हैं। इन ग्रंथों के अनुसार सार रूप से कहा जाय तो प्रकृति की रचना पाँच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश से हुई है। हमारी वसुंधरा अनेक खनिज संपदाओं से भरी पड़ी है।