जितेन्द्र कुमार घृतलहरे

जितेन्द्र कुमार घृतलहरे
रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का भौगोलिक अध्ययन : सारांश
Posted on 07 May, 2017 12:22 PM

प्रस्तुत शोध-प्रबंध रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित तालाबों से संबंधित हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब की उपलब्धता का आकलन, तालाबों का वितरण एवं प्रभावित करने वाले कारकों, तालाबों की आकारिकीय समीक्षा तथा तालाबों के मानव जीवन में पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या करना है। रायपुर जिले के पंद्रह विकासखंड, आरंग, अभनपुर, धरसीवां, सिमगा, भाटापारा, बलौदाबाजार, पलारी
तालाब जल में जैव विविधता (Biodiversity in pond water)
Posted on 02 May, 2017 04:47 PM

तालाब जल में ‘जैव विविधता’ का शाब्दिक अर्थ पारिस्थतिक के अंतर्गत उपयोग किये जाने वाले शब्द बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी का नवीन संक्षिप्त रूप है। बायोडाइवर्सिटी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बाल्टर जी. रोसेन ने सन 1986 में जंतुओं, पौधों और सूक्ष्म जीवों के विविध प्रकारों और इनमें विविधताओं के लिये किया था।
तालाबों का सामाजिक एवं सांस्कृतिक पक्ष (Social and cultural aspects of ponds)
Posted on 28 Apr, 2017 04:42 PM

विश्व में मानव-संस्कृति का विकास भूतल के विभिन्न क्षेत्रों की पर्यावरणीय दशाओं एवं वहाँ के संसाधनों पर निर्भर करता है। मनुष्य एक क्रियाशील प्राणी है, जो अपने विवेक एवं कार्यकुशलता से अन्य साधन द्वारा प्राकृतिक परिवेश में निरंतर परिवर्तन करता रहता है। जिन स्थानों पर वह प्राकृतिक परिवेश में परिवर्तन करने में समर्थ नहीं होता है, वहाँ उसमें अनुकूलन करता है। इसी प्रकार के अनुकूलन से मनुष्य का सां
रायपुर जिले में तालाब (Ponds in Raipur District)
Posted on 02 Jan, 2017 12:39 PM

मानव आदिकाल से ही प्राकृतिक वातावरण से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता रहा है। वह अपने जीवन को सरल एवं सुखमय बनाने के लिये प्राकृतिक वातावरण में यथासंभव परिवर्तन भी करता है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत वह अनेक वस्तुओं की रचना करता है जो दृश्य होते हैं।
रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का भौगोलिक अध्ययन (A Geographical Study of Tank in Rural Raipur District)
Posted on 25 Dec, 2016 02:43 PM

“We never know the worth of Water till the tank is dry’’- Thomas Fuller

‘‘वेद के अनुसार दस वृक्ष लगाने से इतना पुण्य मिलता है जितना एक कुआँ खुदवाने से एवं दस कुएँ खुदवाने से उतना ही पुण्य मिलता है जितना एक तालाब बनवाने से।’’
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