न्यूनतम अवधि: 6 माह
अधिकतम अवधि: 2 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 1,600 रुपये
न्यूनतम उम्र: 18
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं
• 10वीं उत्तीर्ण
• इग्नू से संचालित बैचलर प्रिपरेटरी प्रोग्राम (बीपीपी)
• बीपीपी में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। इसलिए बीपीपी और डिप्लोमा कार्यक्रम में एक साथ दाखिला लेने वाले 10 कक्षा उत्तीर्ण छात्रों के लिए भी न्यूनतम उम्र 18 साल है।
यह सर्टिफिकेट कार्यक्रम इग्नू के क्षेत्रीय केन्द्र दिल्ली-2 के सहयोग से विकसित किया गया है।
आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि, बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और कृषि उत्पाद की बढ़ती मांग के कारण पानी की मांग पिछले कुछ सालों में स्वाभाविक रूप से बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप भूजल संसाधन का अत्यधिक दोहन हुआ है और इसका नतीजा हुआ कि लगातार भूजल का स्तर घटता जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति बेहद भयावह है। तदनुसार, वहां न केवल शीघ्रातिशीघ्र जल संसाधनों के संरक्षण की जरूरत है बल्कि प्रभावी रणनीति और प्रबंधन के जरिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, खासकर इस बात को ध्यान में ऱखकर कि विभिन्न प्रतियोगी क्षेत्रों में कभी भी मांग बढ़ सकती है। भविष्य में उपयोग के लिए छतों पर या सतह पर जलग्रहण बनाकर वर्षाजल संरक्षण बेहद जरूरी है।यह पानी की बढ़ती जरूरतों का खयाल रखने, मिट्टी की नमी स्तर को बढ़ाने, शहरी हरियाली को बढ़ाने, भूजल स्तर को कृत्रिम रूप से पुनर्भरण करने और भूजल की गुणवत्ता सें सुधार का काम करता है।
वर्षाजल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए शहरी योजनाकारों ने देशभर में कानून बनाए हैं। वैधानिक उपायों सहित विभिन्न पहल के बावजूद बहुत कम वर्षाजल का संरक्षण हो पाता है। वर्षा जल के दोहन से मौजूदा जल संसाधनों को बढ़ाने की अपार संभावना है। यह जन जागरूकता का आह्वाण करता है और प्रशिक्षित मानव संसाधन के जरिए संरक्षित जल के बेहतर उपयोग के लिए वर्षाजल संरक्षण तकनीक और प्रबंधन के संबंध में ज्ञान और कुशलता का प्रसार करता है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उनलोगों के लिए उपयोगी है जो पानी की कमी झेलते हैं और सूखा क्षेत्र में रहते हैं।
वीडियो कार्यक्रम:- स्व-अध्ययन निर्देशात्मक सामग्री वीडियो कार्यक्रमों से युक्त होगी
• शहरी और ग्रामीण इलाकों के निवासी युवा, घरेलू महिलाएं।
• सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी कार्यकर्ता
फीस रियायत निम्नांकित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है:
1.ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने पर 50 फीसदी की रियायत उपलब्ध है।
2. ऐसे शहरी गरीब विद्यार्थी जो गरीबी रेखा के नीचे हैं, आय प्रमाण पत्र के आधार पर 50 फीसदी कर रियायत हासिल कर सकते हैं।
प्रमाणपत्र धारक सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के अलावा जल संरक्षण योजनाओं, शहरी आवास बोर्डों, निजी रियल स्टेट बिल्डरो, भूमि संरक्षण विभागों और सरकारी जल बोर्डों में जल संरक्षण सहायक के रूप में काम कर सकते हैं।
शिक्षण सामग्री-
पंजीकृत छात्रों को उनके घर पर डाक द्वारा मुद्रित शिक्षण सामग्री भेजी जाती है।
दृश्य-श्रव्य शिक्षण सहायता-
शिक्षण पैकेज में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कराए गए दृश्य-श्रव्य कैसेट एवं सीडी भी शामिल रहती है। एक दृश्य कार्यक्रम सामान्यतया 25-30 मिनट की अवधि का होता है। ये कार्यक्रम अध्ययन केंद्र पर विशिष्ट सत्र के दौरान देखे/सुने जा सकते हैं अथवा घर पर उपयोग के लिए खरीदे जा सकते हैं।
परामर्श-
परामर्श सत्र अध्ययन केंद्र समन्वयक द्वारा तैयार सारणी के अनुसार संचालित किया जाता है जो कि सामान्यतया सप्ताहांत के दौरान होता है।टीवी परामर्श एवं टेलीकांफ्रेंसिंग-ज्ञानदर्शन चैनल एवं एडुसेट के माध्यम से। ज्ञानदर्शन का एक चैनल डीटीएच पर उपलब्ध है।
रेडियो परामर्श-
आकाशवाणी और ज्ञानवाणी पर फोन-इन कार्यक्रम के माध्यम से।
एक क्रेडिट विद्यार्थी के 30 घंटे अध्ययन के बराबर होता है।
अतिरिक्त जानकारी-
कार्यक्रम एवं दाखिला विवरण के बारे में अतिरिक्त जानकारियां इग्नू के वेबसाइट और हमारे क्षेत्रीय केंद्र पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त जानकारी कृषि विद्यापीठ से भी हासिल किया जा सकता है।
प्रो. बीएस. हांसरा, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572975, फैक्स-91-11-29533166, ईमेल- soa@ignou.ac.in
डॉ.संजीव पांडेय, क्षेत्रीय निदेशक, दिल्ली-2 एवं कार्यक्रम समन्वयक,इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, राजघाट, नई दिल्ली-110002 फोन-91-11-23392376-77 *जल संरक्षण परियोजनाओं के संचालन से जुड़े सरकारी अधिकारी
कार्यक्रम के लक्ष्य हैं :
• जल संसाधन के उपयोग और संवर्धन के प्रति शिक्षार्थियों को शिक्षित एवं संवेदनशील बनाना;
• जल एकत्रीकरण तकनीक की समझ की विशेषज्ञता और जरूरी कौशल को बतलाना, और
• शिक्षार्थियों को घर व समुदाय के स्तर पर जल के प्रभावी उपयोग और संरक्षण के लिए प्रशिक्षकों के जैसा कार्य करने में सक्षम बनाना ।
अधिकतम अवधि: 2 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 1,600 रुपये
न्यूनतम उम्र: 18
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं
योग्यता:
• 10वीं उत्तीर्ण
• इग्नू से संचालित बैचलर प्रिपरेटरी प्रोग्राम (बीपीपी)
• बीपीपी में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। इसलिए बीपीपी और डिप्लोमा कार्यक्रम में एक साथ दाखिला लेने वाले 10 कक्षा उत्तीर्ण छात्रों के लिए भी न्यूनतम उम्र 18 साल है।
यह सर्टिफिकेट कार्यक्रम इग्नू के क्षेत्रीय केन्द्र दिल्ली-2 के सहयोग से विकसित किया गया है।
आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि, बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और कृषि उत्पाद की बढ़ती मांग के कारण पानी की मांग पिछले कुछ सालों में स्वाभाविक रूप से बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप भूजल संसाधन का अत्यधिक दोहन हुआ है और इसका नतीजा हुआ कि लगातार भूजल का स्तर घटता जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति बेहद भयावह है। तदनुसार, वहां न केवल शीघ्रातिशीघ्र जल संसाधनों के संरक्षण की जरूरत है बल्कि प्रभावी रणनीति और प्रबंधन के जरिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, खासकर इस बात को ध्यान में ऱखकर कि विभिन्न प्रतियोगी क्षेत्रों में कभी भी मांग बढ़ सकती है। भविष्य में उपयोग के लिए छतों पर या सतह पर जलग्रहण बनाकर वर्षाजल संरक्षण बेहद जरूरी है।यह पानी की बढ़ती जरूरतों का खयाल रखने, मिट्टी की नमी स्तर को बढ़ाने, शहरी हरियाली को बढ़ाने, भूजल स्तर को कृत्रिम रूप से पुनर्भरण करने और भूजल की गुणवत्ता सें सुधार का काम करता है।
वर्षाजल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए शहरी योजनाकारों ने देशभर में कानून बनाए हैं। वैधानिक उपायों सहित विभिन्न पहल के बावजूद बहुत कम वर्षाजल का संरक्षण हो पाता है। वर्षा जल के दोहन से मौजूदा जल संसाधनों को बढ़ाने की अपार संभावना है। यह जन जागरूकता का आह्वाण करता है और प्रशिक्षित मानव संसाधन के जरिए संरक्षित जल के बेहतर उपयोग के लिए वर्षाजल संरक्षण तकनीक और प्रबंधन के संबंध में ज्ञान और कुशलता का प्रसार करता है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उनलोगों के लिए उपयोगी है जो पानी की कमी झेलते हैं और सूखा क्षेत्र में रहते हैं।
पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम कोड | पाठ्यक्रम का नाम | क्रेडिट |
ओएनआर-001 | जल संरक्षण का परिचय | 2 |
ओएनआर-002 | जल विज्ञान के मूल बातें | 4 |
ओएनआर-003 | जल संचय, संरक्षण और उपयोगिता | 6 |
ओएनआरएल-001 | जल संरक्षण एजेंसी का व्यावहारिक प्रशिक्षण | 4 |
संबंधित सूचना
वीडियो कार्यक्रम:- स्व-अध्ययन निर्देशात्मक सामग्री वीडियो कार्यक्रमों से युक्त होगी
लक्षित समूह
• शहरी और ग्रामीण इलाकों के निवासी युवा, घरेलू महिलाएं।
• सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी कार्यकर्ता
फीस रियायत:-
फीस रियायत निम्नांकित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है:
1.ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने पर 50 फीसदी की रियायत उपलब्ध है।
2. ऐसे शहरी गरीब विद्यार्थी जो गरीबी रेखा के नीचे हैं, आय प्रमाण पत्र के आधार पर 50 फीसदी कर रियायत हासिल कर सकते हैं।
रोजगार अवसर
प्रमाणपत्र धारक सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के अलावा जल संरक्षण योजनाओं, शहरी आवास बोर्डों, निजी रियल स्टेट बिल्डरो, भूमि संरक्षण विभागों और सरकारी जल बोर्डों में जल संरक्षण सहायक के रूप में काम कर सकते हैं।
विद्यार्थी सहायता गतिविधियां-
शिक्षण सामग्री-
पंजीकृत छात्रों को उनके घर पर डाक द्वारा मुद्रित शिक्षण सामग्री भेजी जाती है।
दृश्य-श्रव्य शिक्षण सहायता-
शिक्षण पैकेज में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कराए गए दृश्य-श्रव्य कैसेट एवं सीडी भी शामिल रहती है। एक दृश्य कार्यक्रम सामान्यतया 25-30 मिनट की अवधि का होता है। ये कार्यक्रम अध्ययन केंद्र पर विशिष्ट सत्र के दौरान देखे/सुने जा सकते हैं अथवा घर पर उपयोग के लिए खरीदे जा सकते हैं।
परामर्श-
परामर्श सत्र अध्ययन केंद्र समन्वयक द्वारा तैयार सारणी के अनुसार संचालित किया जाता है जो कि सामान्यतया सप्ताहांत के दौरान होता है।टीवी परामर्श एवं टेलीकांफ्रेंसिंग-ज्ञानदर्शन चैनल एवं एडुसेट के माध्यम से। ज्ञानदर्शन का एक चैनल डीटीएच पर उपलब्ध है।
रेडियो परामर्श-
आकाशवाणी और ज्ञानवाणी पर फोन-इन कार्यक्रम के माध्यम से।
एक क्रेडिट विद्यार्थी के 30 घंटे अध्ययन के बराबर होता है।
अतिरिक्त जानकारी-
कार्यक्रम एवं दाखिला विवरण के बारे में अतिरिक्त जानकारियां इग्नू के वेबसाइट और हमारे क्षेत्रीय केंद्र पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त जानकारी कृषि विद्यापीठ से भी हासिल किया जा सकता है।
प्रो. बीएस. हांसरा, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572975, फैक्स-91-11-29533166, ईमेल- soa@ignou.ac.in
अथवा
डॉ.संजीव पांडेय, क्षेत्रीय निदेशक, दिल्ली-2 एवं कार्यक्रम समन्वयक,इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, राजघाट, नई दिल्ली-110002 फोन-91-11-23392376-77 *जल संरक्षण परियोजनाओं के संचालन से जुड़े सरकारी अधिकारी
लक्ष्य-
कार्यक्रम के लक्ष्य हैं :
• जल संसाधन के उपयोग और संवर्धन के प्रति शिक्षार्थियों को शिक्षित एवं संवेदनशील बनाना;
• जल एकत्रीकरण तकनीक की समझ की विशेषज्ञता और जरूरी कौशल को बतलाना, और
• शिक्षार्थियों को घर व समुदाय के स्तर पर जल के प्रभावी उपयोग और संरक्षण के लिए प्रशिक्षकों के जैसा कार्य करने में सक्षम बनाना ।
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