जल संभर प्रबंधन में डिप्लोमा (डीडब्ल्यूएम)

न्यूनतम अवधि: 1 वर्ष
अधिकतम अवधि: 4 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 9,000 रुपये
न्यूनतम उम्र: कोई सीमा नहीं
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


10+2 उत्तीर्ण/ इग्नू से बीपीपी। दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी बीपीपी और डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए एक साथ पंजीकृत हो सकते हैं।

कार्यक्रम सिंहावलोकन


यह कार्यक्रम भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के वित्तीय सहयोग से विकसित किया गया है।

लक्ष्यः


जलसंभर प्रबंधन में डिप्लोमा कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य जलसंभर विकास परियोजना के लिए जरूरी लक्ष्यों को जानने के क्रम में उसके प्रभावी और कुशल योजना एवं क्रियान्वयन के माध्यम से मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण करना है, हालांकि, इस कार्यक्रम के विशिष्ट लक्ष्य निम्नानुसार हैं:

• जल संभर प्रबंधन के सिद्धांतो से परिचय कराना और जलसंभर पर कार्य की महत्ता बतलाना,
• सतत विकास की महत्ता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और प्राकृतिक संसाधनों का रखरखाव
• जल की गुणवत्ता सहित जल संभर के भौतिक, रासायनिक और सामार्जाथिक पूर्वानुमान और उपलब्धता के लिए विभिन्न तकनीक की रूपरेखा खींचना
• ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और भूमिहीनों को प्रेरित कर क्षमता निर्माण करना ;
• जल एवं मिट्टी संरक्षण रणनीति के जरिए मनुष्यों और पशुओं के लिए जल वितरण संरचना और लघु सिंचाई का कौशल विकसित करना ; और
• जल संभर विकास एवं प्रबंधन में मानव संसाधन विकसित करना ।

पाठ्यक्रम कोड

पाठ्यक्रम का नाम

क्रेडिट

बीएनआरआई-101

जल संभर प्रबंधन के मूलभूत सिद्धांत

4

बीएनआरआई-102

जल विज्ञान के मूलभूत तत्व

4

बीएनआरआई-103

मृदा व जल संरक्षण

4

बीएनआरआई-104

वर्ष आधारित कृषि

4

बीएनआरआई-105

पशु व चारागाह प्रबंधन

4

बीएनआरआई-106

बागवानी व कृषि वानिकी प्रणाली

4

बीएनआरआई-107

आर्थिक सहायता, देखरेख, मूल्यांकन व क्षमता निर्माण

4

बीएनआरपी-108

परियोजना निर्माण

4



संबंधित सूचना


फीस रियायत:-


फीस रियायत निम्नांकित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है:

1.ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने पर 50 फीसदी की रियायत उपलब्ध है।
2. ऐसे शहरी गरीब विद्यार्थी जो गरीबी रेखा के नीचे हैं, आय प्रमाण पत्र के आधार पर 50 फीसदी कर रियायत हासिल कर सकते हैं।

रोजगार के अवसर:

डिप्लोमा धारक जलसंभर परियोजनायों से जुड़े सरकारी और गैर सरकारी संगठनों, शहरी आवास बोर्डो निजी भवन निर्माताओं, मृदा संरक्षण विभागों और भूजल बोर्डो में मृदा एवं कृषि/बागवानी निरीक्षकों, कृषि वानिकी पर्यवेक्षकों, जल संरक्षक तकनीशियनों/ निरीक्षकों और पशुधन सहयको के रूम में काम कर सकते है. स्व-उद्यमिता इकाइयों की स्थापना का भी पर्याप्त मौका मिल सकता है

विद्यार्थी सहायता गतिविधियां-


शिक्षण सामग्री-पंजीकृत छात्रों को उनके घर पर डाक द्वारा मुद्रित शिक्षण सामग्री भेजी जाती है।

दृश्य-श्रव्य शिक्षण सहायता-


शिक्षण पैकेज में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कराए गए दृश्य-श्रव्य कैसेट एवं सीडी भी शामिल रहती है। एक दृश्य कार्यक्रम सामान्यतया 25-30 मिनट की अवधि का होता है। ये कार्यक्रम अध्ययन केंद्र पर विशिष्ट सत्र के दौरान देखे/सुने जा सकते हैं अथवा घर पर उपयोग के लिए खरीदे जा सकते हैं।

परामर्श-


परामर्श सत्र अध्ययन केंद्र समन्वयक द्वारा तैयार सारणी के अनुसार संचालित किया जाता है जो कि सामान्यतया सप्ताहांत के दौरान होता है।टीवी परामर्श एवं टेलीकांफ्रेंसिंग-ज्ञानदर्शन चैनल एवं एडुसेट के माध्यम से। ज्ञानदर्शन का एक चैनल डीटीएच पर उपलब्ध है।

रेडियो परामर्श-


आकाशवाणी और ज्ञानवाणी पर फोन-इन कार्यक्रम के माध्यम से।
एक क्रेडिट विद्यार्थी के 30 घंटे अध्ययन के बराबर होता है।

अतिरिक्त जानकारी-


कार्यक्रम एवं दाखिला विवरण के बारे में अतिरिक्त जानकारियां इग्नू के वेबसाइट और हमारे क्षेत्रीय केंद्र पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त जानकारी कृषि विद्यापीठ से भी हासिल किया जा सकता है।

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें-


प्रो. बीएस. हांसरा, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572975, फैक्स-91-11-29533166, ईमेल- soa@ignou.ac.in

अथवा


प्रो. एम.के.सलूजा, निदेशक एवं कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572976, फैक्स-91-11-29533167, ईमेल-soa@ignou.ac.in

कार्यक्रम मार्गदर्शन


फीस रियायत:-
फीस रियायत निम्नांकित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है:

1.ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने पर 50 फीसदी की रियायत उपलब्ध है।
2. ऐसे शहरी गरीब विद्यार्थी जो गरीबी रेखा के नीचे हैं, आय प्रमाण पत्र के आधार पर 50 फीसदी कर रियायत हासिल कर सकते हैं।

रोजगार के अवसर:
डिप्लोमा धारक जलसंभर परियोजनायों से जुड़े सरकारी और गैर सरकारी संगठनों, शहरी आवास बोर्डो निजी भवन निर्माताओं, मृदा संरक्षण विभागों और भूजल बोर्डो में मृदा एवं कृषि/बागवानी निरीक्षकों, कृषि वानिकी पर्यवेक्षकों, जल संरक्षक तकनीशियनों/ निरीक्षकों और पशुधन सहयको के रूम में काम कर सकते है. स्व-उद्यमिता इकाइयों की स्थापना का भी पर्याप्त मौका मिल सकता है

विद्यार्थी सहायता गतिविधियां-
शिक्षण सामग्री-पंजीकृत छात्रों को उनके घर पर डाक द्वारा मुद्रित शिक्षण सामग्री भेजी जाती है।

दृश्य-श्रव्य शिक्षण सहायता-शिक्षण पैकेज में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कराए गए दृश्य-श्रव्य कैसेट एवं सीडी भी शामिल रहती है। एक दृश्य कार्यक्रम सामान्यतया 25-30 मिनट की अवधि का होता है। ये कार्यक्रम अध्ययन केंद्र पर विशिष्ट सत्र के दौरान देखे/सुने जा सकते हैं अथवा घर पर उपयोग के लिए खरीदे जा सकते हैं।

परामर्श-
परामर्श सत्र अध्ययन केंद्र समन्वयक द्वारा तैयार सारणी के अनुसार संचालित किया जाता है जो कि सामान्यतया सप्ताहांत के दौरान होता है।टीवी परामर्श एवं टेलीकांफ्रेंसिंग-ज्ञानदर्शन चैनल एवं एडुसेट के माध्यम से। ज्ञानदर्शन का एक चैनल डीटीएच पर उपलब्ध है।

रेडियो परामर्श-
आकाशवाणी और ज्ञानवाणी पर फोन-इन कार्यक्रम के माध्यम से।
एक क्रेडिट विद्यार्थी के 30 घंटे अध्ययन के बराबर होता है।

अतिरिक्त जानकारी-
कार्यक्रम एवं दाखिला विवरण के बारे में अतिरिक्त जानकारियां इग्नू के वेबसाइट और हमारे क्षेत्रीय केंद्र पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त जानकारी कृषि विद्यापीठ से भी हासिल किया जा सकता है।

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें-

प्रो. बीएस. हांसरा, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572975, फैक्स-91-11-29533166, ईमेल- soa@ignou.ac.in

अथवा


प्रो. एम.के.सलूजा, निदेशक एवं कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572976, फैक्स-91-11-29533167, ईमेल-soa@ignou.ac.in

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