बागवानी प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीपीएम)

न्यूनतम अवधि: 1 वर्ष
अधिकतम अवधि: 4 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 4,800 रुपये
न्यूनतम उम्र: कोई सीमा नहीं
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


• किसी भी विषय में स्नातक

कार्यक्रम सिंहावलोकन


बागवानी क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। भारतीय घरों में बागवानी की बड़ी महत्ता है और दुनिया भर के उत्पादन में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान है। उच्च रोजगार क्षमता और समाज के एक बड़े हिस्से, खासकर महिलाओं को आय उत्पादन का अवसर प्रदान करने के कारण इसका बहुत महत्त्व है। इसके अलावा बागवानी उद्योग वृक्ष उत्पादों के निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित करने की बड़ी क्षमता प्रदान करता है ।

भूमंडलीकरण और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने इस क्षेत्र में अवसरों के साथ-साथ नई चुनौतियां उत्पन्न की हैं । नई और पुरानी, दोनों तरह की बागवानी कंपनियां चाहती हैं कि प्रतियोगिता वाले जमाने के अनुरूप अपने प्रबंधकीय कौशल का उपयोग करके उत्पादकता बढ़ाएं और भूमंडलीकृत प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए नई तकनीकी का उपयोग करें। इस क्षेत्र का अगर ठीक से प्रबंधन किया जाए तो वर्षभर यह उच्च आय का जरिया बन सकता है।

इसलिए यह कार्यक्रम बागवानी उद्योग में क्षमता निर्माण पर जोर देता है, खासकर निरीक्षक/प्रबंधक स्तर पर ताकि उत्पादकता बढ़ने के साथ इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो। बागबानी प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम बागवानी उद्योग के लिए योग्य मानव संसाधन विकसित करना चाहता है। यह कार्यक्रम विभिन्न प्रबंधकीय व्यवहारों, जो इस क्षेत्र के पेशेवर प्रबंधन से संबंधित है, को सुगमता प्रदान करता है। यह कार्यक्रम चाय, काफी, रबर, मसालों इत्यादि के बड़े बागानों का प्रबंधन किस तरह से करें इसकी तकनीकी जानकारी भी देता है।

लक्ष्य


इस कार्यक्रम के लक्ष्य हैं :
• बागवानी उद्योग में योग्य पेशेवर विकसित करना
• बागवानी क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और वित्त प्रबंधन का ज्ञान और कौशल बतलाना,
• बागवानी उद्योग में कार्यरत पेशेवरों की तकनीकी योग्यता को बढ़ाना ।

पाठ्यक्रम


पाठ्यक्रम कोड

पाठ्यक्रम का नाम

क्रेडिट

एमएएम-001

बागवानी प्रबंधन का परिचय

4

एमएएम-002

फसल उत्पादन तकनीक

8

एमएएम-003

पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन और मूल्य संवर्धन

8

एमएएम-004

मानव संसाधन, विपणन और वित्तीय प्रबंधन

4

एमएएमपी-001

परियोजना का कार्य

8

संबंधित सूचना


निर्देश का माध्यम:
अंग्रेजी

लक्षित समूह
चाय, काफी, मसालों, रबर आदि विभिन्न खेती के कार्यों के निरीक्षक/प्रबंधक। इसके अलावा बागवानी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के इच्छुक स्नातक

रोजगार के अवसर


• उत्पादन, कटाई बाद प्रबंधन और बागवानी उत्पाद वितरण क्षेत्र में प्रबंधक/निरीक्षक/तकनीशियन
• बागवानी क्षेत्र में स्व उद्यम
• शोधकर्ता और विस्तार संस्थान
• बाजार संस्थाएं
• बागवानी उद्योग में प्रशिक्षक/सलाहकार

शिक्षण सामग्री-


पंजीकृत छात्रों को उनके घर पर डाक द्वारा मुद्रित शिक्षण सामग्री भेजी जाती है।

दृश्य-श्रव्य शिक्षण सहायता-


शिक्षण पैकेज में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कराए गए दृश्य-श्रव्य कैसेट एवं सीडी भी शामिल रहती है। एक दृश्य कार्यक्रम सामान्यतया 25-30 मिनट की अवधि का होता है। ये कार्यक्रम अध्ययन केंद्र पर विशिष्ट सत्र के दौरान देखे/सुने जा सकते हैं अथवा घर पर उपयोग के लिए खरीदे जा सकते हैं।

परामर्श-


परामर्श सत्र अध्ययन केंद्र समन्वयक द्वारा तैयार सारणी के अनुसार संचालित किया जाता है जो कि सामान्यतया सप्ताहांत के दौरान होता है।

टीवी परामर्श एवं टेलीकांफ्रेंसिंग-


ज्ञानदर्शन चैनल एवं एडुसेट के माध्यम से। ज्ञानदर्शन का एक चैनल डीटीएच पर उपलब्ध है।

रेडियो परामर्श-


आकाशवाणी और ज्ञानवाणी पर फोन-इन कार्यक्रम के माध्यम से।
एक क्रेडिट विद्यार्थी के 30 घंटे अध्ययन के बराबर होता है।

अतिरिक्त जानकारी-


कार्यक्रम एवं दाखिला विवरण के बारे में अतिरिक्त जानकारियां इग्नू के वेबसाइट और हमारे क्षेत्रीय केंद्र पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त जानकारी कृषि विद्यापीठ से भी हासिल किया जा सकता है।

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें-


प्रो. एम.के.सलूजा

निदेशक एवं कार्यक्रम समन्वयक


कृषि विद्यापीठ,जी-ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदानगढ़ी, नई दिल्ली-110068, फोन-91-11-29572976, फैक्स-91-11-29533167, ईमेल-soa@ignou.ac.in

अथवा


डॉ. पी.के. जैन, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विद्यापीठ, जी ब्लॉक, जाकिर हुसैन भवन, नया शैक्षणिक परिसर, इग्नू, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली-110068 टेलीफोन: +91-11-29573091 ई.मेल - pkjain@ignou.ac.in

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