हिंदी इंडिया वाटर पोर्टल

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कोविड-19 कैसे रहे तैयार: स्फीयर इंडिया कोविड-19 एकेडमी
Posted on 09 Apr, 2020 03:00 PM

COVID-19 को लेकर जिस प्रकार का तनाव और लोगों के बीच अफवाहों और भय का माहौल बना है उसके मद्देनजर इस महामारी का सामना करने और उससे बचाव के लिये कैसे तैयार रहें इन्हीं सब सवालों को लेकर NDMA, UNICEF, WHO, HCL Foundation और Sphere India ने क्षमता निर्माण की एक संयुक्त पहल की है जिसका नाम है स्फीयर इंडिया कोविड-19 एकेडमी। एकेडमी द्वारा एक ज्ञान सत्र का आयोजन किया जा रहा है। यह सत्र

कोविड-19 कैसे रहे तैयार: स्फीयर इंडिया कोविड-19 एकेडमी
यमुना मुक्तिकरण अभियान
Posted on 23 Feb, 2015 11:25 AM
जन्तर मन्तर पर यमुना भक्तों की हुँकार
छत्तीसगढ़ में नदी बिकी
Posted on 14 Oct, 2014 12:43 PM

शिवनाथ नदी को छत्तीसगढ़ सरकार ने एक कॉरपोरेट कंपनी रेडियस वॉटर लिमिटेड के हाथों 1998 में बेच दिया था। जनांदोलन के बाद समाज ने अपनी नदी पर अपना हक दोबारा हासिल किया। जनांदोलन के दौरान ‘छत्तीसगढ़ में नदी बिकी’ गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था। लोग लड़ते हुए इसे समवेत स्वर में गाते। इस गीत के रचनाकार कौन हैं, यह मालूम नहीं। हम इसे समाज के संघर्षों से पैदा हुआ गीत मानते हैं और यहां साझा कर रहे हैं क्यों

Boat in river
मीडिया चौपाल का आयोजन
Posted on 03 Oct, 2014 12:28 PM
मीडिया चौपाल 2014,
तिथि- 11-12 अक्टूबर,
समय- सुबह 9 बजे से सायं 6 बजे तक,
स्थान- भारतीय जनसंचार संस्थान सभागार, अरुणा आशफ अली मार्ग, नजदीक देवी कामाक्षी मंदिर, दिल्ली।


पिछले 2 वर्षों से लगातार भोपाल में मीडिया चौपाल का सफल अयोजन किया जाता रहा है, जिसमें देश भर के जाने माने पत्रकार सम्मिलित होते रहे है।

इस चौपाल का मुख्य उद्देश्य संचार माध्यम के क्षेत्र में संगठित और असंगठित दोनों ही प्रयासों को मंच प्रदान करना है, संचार के कई मध्यमों के अभिसरण के लिए प्रयास करना और संचारकों की नेटवर्किंग करना मीडिया चौपाल का प्रमुख उद्देश्य है।
समाप्त हो रहे हैं लखनऊ के वेटलैंड और तालाब
Posted on 16 Mar, 2014 11:45 AM
वेटलैंड ताजे पानी का एक विशिष्ट स्रोत है जहां वर्षा ऋतु में पानी का भंडारण है। मानसून सत्र का अतिरिक्त जल वेटलैंड में जाकर मिल जाता है। इस प्रकार वेटलैंड मैदानी एवं जलीय भागों में साम्य बनाए रखता है। वेटलैंड के भूमि की यह विशेषता होती है कि मृदा जल से पूरी तरह भरपूर होती है।

लखनऊ में रायबरेली रोड पर हैवत मऊ मण्वैया नामक ग्राम के निकट हैवत मऊ लेक स्थित है।
क्या पानी में मौजूद रसायनों से लोगों को कैंसर हो रहा है
Posted on 09 Dec, 2013 01:12 PM
संघ के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अप्रकाशित शोध के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर लिए गए नमूनों में से संयुक्त राज्य के एक तिहाई से अधिक जल केंद्रों के पेयजल में 18 अनियमित रसायनों का पता लगाया गया है।
मैंग्रोव के कुछ भारतीय नाम सुझाएं
Posted on 08 Nov, 2013 10:13 AM
भारत में लगभग 15 हजार किलोमीटर का समुद्र तटीय इलाका है। गुजरात, महाराष्ट्र,कर्नाटक, अंडमान निकोबार, दमन एंड दीव, गोवा, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, और पश्चिम बंगाल ये हमारे समुद्र तटीय राज्य हैं। तटीय इलाकों का एक बहुत सुंदर पेड़ है मैंग्रोव। मैंग्रोव को हमारे देश में विभिन्न भाषाओं और बोलियों में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता होगा। क्योंकि मैंग्रोव
कृषि नीति और खाद्य सुरक्षा से जुड़े विषयों के जाने माने विशेषज्ञ डा.देविंदर शर्मा के साथ संवाद
Posted on 02 Jun, 2013 10:38 AM

06 जून 2013 को जरूर आईये/ भोपाल


विकास संवाद समय-समय पर विभिन्न मसलों के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में मीडिया-कर्मियों के साथ संवाद का आयोजन करता रहा है। यह हम सभी का अपना फोरम है। इसमें हमने देश और समाज के सामने मौजूद मुद्दों पर अपनी राय रखी है, साथ ही इन्‍हें गहराई से समझा भी है।

आगामी छह जून 2013 को कृषि और विश्‍व व्‍यापार मामलों के विशेषज्ञ देविंदर शर्मा भोपाल में होंगे। उनकी मौजूदगी पर विकास संवाद ने आप सभी मीडिया के साथियों के साथ ‘कृषि की मौजूदा बदहाली और खाद्य सुरक्षा – उपज के बाजार मूल्‍यों को प्रभावित करती नीतियां (सरकारी हस्‍तक्षेप के बरक्‍स)’ विषय पर एक अनौपचारिक संवाद का आयोजन किया है।

जैसा कि हम जानते हैं कि सरकारी समर्थन से देश में गेहूं-चावल की पैदावार तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन दाल, तिलहन, ज्‍वार-बाजरा और बारीक अनाजों को सरकार की ओर से कोई प्रोत्‍साहन नहीं मिल रहा है। रासायनिक खाद और कीटनाशकों को लगातार बढ़ावा मिलते रहने से खेती की लागत भी बढ़ रही है। सरकार ने संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश कर दिया है। इसमें नकद राशिके हस्‍तांतरण की बात है।
प्रस्तावित ‘‘चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना” की जनसुनवाई स्थगित
Posted on 27 May, 2013 02:54 PM

सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का कारण दिया


‘‘चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना‘‘ को संसार भर के और भारत की स्थापित परियोजनाओं के आधार पर तत्काल निषेध करे। बरगी बांध से विस्थापितों की समस्याओं पर एक निष्पक्ष समिति बने और भूमि आधारित पुनर्वास तथा बरगी जलाशय पर विस्थापितों का अधिकार तय किया जाये। मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर बने विशालकाय बरगी बांध के किनारे प्रस्तावित ‘‘चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना‘‘ की 24 मई को होने वाली जनसुनवाई कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने के अंदेशे के कारण ज़िलाधीश ने स्थगित कर दी है। इसके लिये चुटका संघर्ष समिति, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, बरगी बांध विस्थापित संघ के साथियों को विशेष बधाई।

यमुना के खादर में नेचुरल सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम के लिए उठी आगरा में मांग
Posted on 11 Mar, 2013 11:53 AM
नेचुरल सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम (प्राकृतिक सीवेज उपचार प्रणाली) की मांग आगरा के यमुना सत्याग्रही पंडित अश्विनी कुमार मिश्र ने 2007 में उठाई। उन्होंने मंडलायुक्त आगरा को 30 नवंबर 2007 में पत्र देकर मांग की कि यमुना में मिलने वाले बरसाती नालों पर नेचुरल सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम लगाया जाय। ‘प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम’ उन्हीं नालों पर लगाया जाता है, जिन नालों के पानी में कोई रसायन मिला हुआ जहरीला पानी न आता हो। उन्होंने साथ में यह भी मांग की कि यमुना खादर में गिरने वाले प्राकृतिक नालों पर ‘प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम’ लगाया जाय ताकि उनको किसी भी तरह की बिजली और मानवीय प्रबंधन की जरूरत न रहे। उन्होंने यह भी मांग की कि नये बनने वाले कॉलोनियों में लोकल स्तर पर ही ‘एसटीपी’ लगाने का प्रावधान किया जाय।

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