गगन प्रसाद

गगन प्रसाद
जलविज्ञान की शिक्षा – कब, क्यों और कितनी?
Posted on 04 Jan, 2012 03:01 PM
जल सम्पूर्ण जीव जगत के अस्तित्व का रक्षक है, पर्यावरण का अपरिहार्य अंग हमारे जल संसाधन सीमित हैं और अबाध गति से बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताएं सुरसा मुख की तरह फैलती जा रही हैं। यदि इन जल संसाधनों का वैज्ञानिक ढंग से सम्यक विकास नहीं किया गया और उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से संयत नहीं किए गए तो परिणामी असंतुलन विनाशकारी हो सकता है क्योंकि जल का कोई विकल्प नहीं है। इस अभीष्ट की सिद्धि में जलविज्ञान ही हमार
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