एन.एस. नागपुरे

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महासीर मछलियों के आनुवंशिक चरित्र निर्धारण एवं संरक्षण में विविध राइबोसोमल जीन अनुक्रमों का उपयोग
Posted on 31 Aug, 2017 04:51 PM
भारत में महासीर की तकरीबन सात प्रजातियाँ पायी जाती हैं जो देश के अलग-अलग हिस्सों में उपलब्ध हैं। इन सभी प्रजातियों को वैज्ञानिकों ने उनके शारीरिक बनावट एवं संरचना के आधार पर वर्गीकृत किया है। किन्तु निरंतर पर्यावरणीय परिवर्तनों के वजह से इनके शारीरिक बनावट एवं संरचना में कुछ बदलाव आया है जिसके कारण ठीक प्रकार से इनकी पहचान एवं उसके फलस्वरूप पारिस्थितिकी सन्तुलन हेतु इनका संरक्षण करना कठिन हो
सुनहरी महशीर
पारिस्थितिकीय जोखिम के मूल्यांकन हेतु आनुवंशिक विषाक्तता जैव-चिन्हकों की उपयोगिता (The usefulness of genetic toxicity bio-markers to evaluate ecological exposure)
Posted on 31 Aug, 2017 04:46 PM
मानव जाति के पिछले कुछ दशकों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है एवं प्रतिदिन हजारों की तादाद में नये रासायनिक उत्पाद अस्तित्व में आ रहे हैं, जिनका उपयोग कृषि, उद्योग, चिकित्सा, खाद्य, सौन्दर्य सामग्री इत्यादि में किया जा रहा है। कारखानों से निकले संश्लेषित रसायन जिनमें भारी धातु तत्व, कीटनाशक इत्यादि हमारे प्राकृतिक जल संसाधनों को प्रदूषित कर रहा है। इनमें से कुछ
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