धनीराम बादल
धनीराम बादल
धनीराम बादल के दोहे
Posted on 08 Sep, 2015 10:18 AMमेंढक जी की गायकी, बारिश में घनघोर,झींगुर के संगीत पर, नाच रहे हैं मोर।।
सावन लाया है हमें, हरियाली सौगात,
शहरों के लब हँस रहे, खिले-खिले देहात।।
सौंधी मिट्टी की महक, भीगे हैं दिन-रात,
चटनी संग पकौडिय़ाँ, माँग रहे जज़्बात।।
गरमी से दरकी हुई, धरती थी बेजार,
झर-झर बूँदें सावनी, करती है गुलज़ार।।