डॉ. सरिता
डॉ. सरिता
प्रयाग में गंगा-यमुना को रेगिस्तान बनाने की तैयारी
Posted on 24 Mar, 2015 11:21 AMविश्व जल दिवस पर विशेष
विन्ध्य क्षेत्र में दैत्याकार पाँच ताप बिजली घरों से होगी भारी तबाही
स्वराज की लड़ाई के दौरान महात्मा गाँधी एक बार इलाहाबाद आए हुए थे। उन्हें दातून करना था। वह एक लोटा पानी लेकर एक पेड़ के पास चले गए। जिससे दातुन करते समय जो भी पानी गिरे वह पेड़ की जड़ में चला जाए। यह देखकर जवाहर लाल नेहरू ने कहा-ये आप क्या कर रहे है? यहाँ तो पानी की कोई कमी नहीं है। पास में ही गंगा-यमुना का संगम है। तब गाँधी ने कहा गंगा-यमुना का पानी हम लोगों के लिये नहीं है, उसे अविरल बहने दो।
इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि 70 साल पहले गाँधी एक लोटा पानी भी बर्बाद नहीं करना चाहते थे और आज, उसी प्रयाग में ताप बिजली घरों के लिये करोड़ो लीटर पानी गंगा-यमुना से खींचकर प्रयाग को बंजर बनाने की तैयारी चल रही है। अफसोस होता है कि आज नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित होने के बाद भी कोयले से बिजली बनाने की होड़ मची हुई है।