डॉ. अवनि कुमार सिंह

डॉ. अवनि कुमार सिंह
टिकाऊ कृषि हेतु जल संचयन एवं सिंचाई प्रबंधन में संरक्षित कृषि का योगदान
देश के 3290 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का लगभग 63 प्रतिशत भाग अभी भी वर्षा द्वारा सिंचित किया जाता है। जल संबंधित इन विषम परिस्थितियों में आय-वर्धक, टिकाऊ, एवं समृद्ध कृषि तभी सम्भव होगी जब हम संरक्षित कृषि तकनीक को बढ़ावा दें अर्थात वर्तमान भारतीय परिस्थिति में संरक्षित कृषि ही एक मात्र ऐसी नूतन तकनीक युक्त कृषि है, जो किसानों के व्यवसाय एवं आय में वृद्धि करने के साथ-साथ जल-संरक्षण एवं सिंचाई क्षमता, दोनों को बढ़ावा देकर हमारे देश के किसानों के टिकाऊ एवं समृद्ध कृषि के सपने को साकार बना सकती है। Posted on 31 Jul, 2024 08:59 AM

वर्तमान में भारत की भौगोलिक स्थिति, परिस्थिति, जलवायु परिवर्तन के साथ जनसंख्या वृद्धि, बढ़ता हुआ औद्योगिकीकरण, शहरों का विस्तार, सड़कों का विकास, संस्थानों की संख्या में वृद्धि एवं बाजारों के प्रसार आदि के कारण कृषि-योग्य भूमि में दिन-प्रतिदिन कमी होती जा रही है। जिसके कारण पोषण सुरक्षा हेतु प्रति व्यक्ति जितना अनाज, सब्जी, फल एवं दूध, प्राप्त होना चाहिए उसकी मात्र अर्धपूर्ति ही हो पा रही है। इ

भारत में खेत में काम करने वाली महिलाएँ (छवि: IWMI फ़्लिकर/हैमिश जॉन एप्पलबी; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
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