डाॅ. शीलप्रिय त्रिपाठी

डाॅ. शीलप्रिय त्रिपाठी
पर्यावरण और वन-विनाश
Posted on 14 May, 2016 11:51 AM

सभ्यता के विकास के साथ ही हमने भौतिक उन्नति, प्राकृतिक सम्पदा का दोहन, मशीनों, रसायनों, लवणों एवं खनिजों के भरपूर उपयोग को पूँजीवादी विकासात्मक तकनीकी के साथ प्राथमिकता प्रदान की। फलतः विकास और पर्यावरण के नाजुक सम्बन्ध बदतर होने लगे और उन्हीं विसंगतियों ने पर्यावरण प्रदूषण को नया अर्थ दिया। जिसके अन्तर्गत अब वनों की कटाई, भूमि और मिट्टी के अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न बाढ़ और अकाल, प्रदूषित ह
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