चंद्रभान

चंद्रभान
पानी का चौका
Posted on 02 Jul, 2015 12:13 PM
एक अकेला इन्सान चाहे तो पूरे समाज और व्यवस्था को बदल सकता है। बदलाव की यह कहानी चरितार्थ हो रही है राजस्थान के लापोड़िया गाँव में। सूखाग्रस्त इस गाँव में इन दिनों हर तरफ पानी ही पानी नजर आता है। भरपूर पेयजल एवं सिंचाई के साधन होने की वजह से चारों तरफ हरियाली छायी हुई है। लापोड़िया के आस-पास के गाँवों की भी तस्वीर बदल गई है। गाँव में पहुँचने पर हर घर के सामने पशु-धन मौजूद होता है, जो गाँव की खुशहाली का प्रत्यक्ष प्रमाण देता है। ग्राम पंचायत की हर बस्ती में अपना तालाब है। ये तालाब पानी से लबालब हैं। गाँव की यह तस्वीर कोई एक दिन में नहीं बदली है बल्कि इस बदलाव में लम्बा समय लगा और यह सम्भव हुआ एक नौजवान की कर्मयोगी प्रवृत्ति की वजह से। आज लापोड़िया गाँव विदेशियों के लिए रिसर्च का विषय बना हुआ है।

लापोड़िया में कुल 1144 हेक्टेयर की जमीन पर करीब 200 घरों के 2500 से ज्यादा लोग रहते हैं। खेती और पशुपालन ही यहाँ का मुख्य पेशा है। इस गाँव में बदलाव की बयार शुरू हुई 1977 में। गाँव के ही युवक लक्ष्मण सिंह ने इस बदलाव की बयार की परिकल्पना की नींव रखीं। अपने गाँव के ही दो दोस्तों को साथ लिया और तय किया कि गाँव के युवक मिलकर अपना तालाब बनाएँगे। फिर क्या था एक बार तरक्की की राह बननी शुरू हुई तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

कर्मवीर अपनी कर्मठता से न सिर्फ अपना भाग्य बदल रहे हैं बल्कि समाज के पथ प्रदर्शक बने हुए हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दूदू से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गाँव लापोड़िया के लोगों ने। इस गाँव के कर्मयोगी बने लक्ष्मण सिंह। अब स्थिति यह है कि यह समूचा गाँव अपने आस-पास के गाँवों को कर्मयोग का पाठ पढ़ा रहा है। लक्ष्मण सिंह की प्रेरणा से ग्रामीणों ने अपना खुद का पेयजल संसाधन विकसित ही नहीं किया बल्कि गाँव को ही हरा-भरा बना दिया है। अब स्थिति यह है कि लापोड़िया में शुरू हुई बदलाव की यह बयार पूरे प्रदेश में बहने लगी है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर से अजमेर मार्ग पर निकलते ही रेगिस्तानी नजारा दिखने लगता है। हाइवे पर गर्मी के मौसम में धूल-भरी हवाओं से सामना होता है। करीब 80 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद दूदू कस्बे में पहुँचते हैं। यहाँ से करीब 10 किलोमीटर आगे जाने पर पडासोली कस्बा पड़ता है और फिर दाहिनी तरफ मुड़ते हुए शुरू हो जाता है लापोड़िया का रास्ता।
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