बी.एम. पांडे

बी.एम. पांडे
पारंपरिक जल संचय प्रणालियों का इतिहास
Posted on 06 Aug, 2010 10:11 AM

सदियों से जारी है जद्दोजहद
ईसा पूर्व तीसरी सहस्त्राब्दी में ही बलूचिस्तान के किसानों ने बरसाती पानी को घेरना और सिंचाई में उसका प्रयोग करना शुरू कर दिया था। कंकड़-पत्थर से बने ऐसे बांध बलूचिस्तान और कच्छ में मिले हैं।
Traditional water harvesting
श्रीलंका में सूझबूझ का सबूत
Posted on 06 Aug, 2010 09:18 AM
1933 में प्रकाशित ए.एल. ब्रोहियर की पुस्तक ‘एन्सिएंट इरिगेशन वर्क्स इन सिलोन’ की प्रस्तावना में डी.एस. सेनानायके ने लिखा था।
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