आशीष कुमार ‘अंशु’

आशीष कुमार ‘अंशु’
भारतीय खेती में सब्सिडी जरूरी
Posted on 12 Feb, 2016 03:38 PM


भारतीय किसानों को मिलने वाली सब्सिडी कृषि के वार्षिक बजट बनाते वक्त किसानों के खर्च का अब अभिन्न हिस्सा बन गया है। वैसे यह बात सिर्फ भारतीय किसानों पर लागू नहीं होती।

पार्क संस्कृति में घटते तालाब
Posted on 07 Feb, 2016 03:27 PM


‘पक्का तालाब’, जम्मू के वार्ड नम्बर तेरह में अब एक मोहल्ला बन गया है। यहाँ जाने पर यह सवाल किसी के मन में कौंध सकता है कि मोहल्ले के अन्दर पक्का तालाब कहाँ है? जिसके नाम पर यह काॅलोनी ‘पक्का तालाब’ कहलाती है।

सरकारें करती रहीं सूखे पर फैसले का इन्तजार
Posted on 25 Dec, 2015 03:30 PM

केन्द्र और दिल्ली सरकार की टकराहट में एक महत्त्वपूर्ण खबर अखबारों के अन्दर के पृष्ठों में कहीं दबकर रह गई। यह खबर उन आठ सूखा प्रभावित राज्यों से सम्बन्धित थी, जहाँ पीड़ितों के परिवार में भोजन के अभाव में कुपोषण और भूखमरी का खतरा है।

चेन्नई आपदा का दोषी कौन
Posted on 14 Dec, 2015 12:36 PM

चेन्नई का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है। अब इस भयावह प्राकृतिक आपदा के वजह की तलाश की जा रही है। इस तलाश में यह बात अब धीरे-धीरे स्पष्ट हो गई है कि चेन्नई में आई बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं थी। यह मानव निर्मित आपदा थी।

भारतीय रेल का पानी अब ‘प्रभू’ भरोसे
Posted on 17 Nov, 2015 08:38 AM

आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फुड प्रोडक्ट के नाम सम्भव है कि आपने नहीं सुना होगा लेकिन इसके मालिक श्याम बिहारी अग्रवाल 2012 से लगभग सभी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में कैटरिंग का काम करते रहे हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने रेल नीर के नाम पर ट्रेन में सस्ता पानी बाँट कर मोटी कमाई की।

rail neer
यह आर्सेनिक के खिलाफ सड़क पर उतरने का समय है
Posted on 09 Nov, 2015 09:28 AM

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पानी में आर्सेनिक (संखिया) 50 पीपीबी से अधिक है। आर्सेनिक पर हुए अध्ययन से यह पता चलता है कि 50 पीपीबी (पार्ट्स पर बिलियन) से अधिक मात्रा में पानी में आर्सेनिक मौजूद होना एक खतरनाक स्तर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 10 पीपीबी तक आर्सेनिक मात्रा सुरक्षित माना जा सकता है। कई जगह तो यह मात्रा 200 तक पहुँच गई है।

arsenic in water
नहीं रहे पानी वाले 'अय्यर साहब'
Posted on 20 Sep, 2015 10:10 AM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष

 

नहीं रहे जल विषयों के अय्यार


. पानी को पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को ठीक से समझने वाला एक नाम पिछले दिनों हमारे बीच नहीं रहा। यह सच है कि उसके जाने की चर्चा हिन्दी पट्टी में थोड़ी कम हुई। लेकिन पानी के लिये किया गया उनका काम हिन्दी हो या तेलगू, पंजाबी हो या तमिल सबके लिये एक तरह से उपयोगी रहेगा।

यहाँ हम बात कर रहे हैं, पानी से जुड़े मुद्दों के गहरे जानकार रामास्वामी आर अय्यर की। वे 1929 में तमिलनाडू में जन्मे और 86 साल की उम्र में 09 सितम्बर को वायरल का प्रकोप उनकी मौत का कारण बना। उनकी मृत्यु दिल्ली में हुई।

जिन लोगों ने अय्यर साहब का नाम नहीं सुना, उन्हें जानना चाहिए कि उन्होंने 1987 में भारत की पहली जल नीति तैयार की।

Ramaswami R iyer
किसानों के पलायन का यह पक्ष
Posted on 02 Nov, 2011 01:44 PM

पहले गांव से किसी घर में धुआं उठता नहीं दिखता था तो पड़ोसी जाकर पूछते थे कि घर में आज खाना क्य

bundelkhand farmer
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