अरुण तिवारी
28 को लखनऊ में बनेगी 20 नदियों की प्रदूषण मुक्ति कार्ययोजना
Posted on 01 Apr, 2013 09:16 AMतिथि : 28 अप्रैल 2013
स्थान : जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केन्द्र (लखनऊ)
नदियों को लेकर चिंतित कई शख़्शियतें समग्र चिंतन के लिए आगामी 28 अप्रैल को लखनऊ में एकजुट होंगी। इनमें सर्वश्री न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय, गंगा एक्शन परिवार के स्वामी चिदानंद ‘मुनीजी’, राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे, प्रसिद्ध स्तंभकार भरत झुनझुनवाला, भारत सरकार के पूर्वजल संसाधन सचिव माधव चितले, गंगा प्रदूषण मुक्ति को लेकर सक्रिय वर्तमान भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती, यमुना रक्षक दल के अध्यक्ष महंत जयकृष्ण दास और लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा प्रमुख हैं। नदी पर समग्र चिंतन का यह राष्ट्रीय अवसर जुटाने की पहल ‘लोक भारती’ नामक संगठन ने की है।
कालीबेई संत का सत्कर्मण
Posted on 25 Mar, 2013 04:36 PM2003 में कालीबेई की दुर्दशा ने संत की शक्ति को गुरु वचन पूरा करने की ओर मोड़ दिया-पवन गुरु, पानी पिता, माता धरती
अंतरराष्ट्रीय जल दिवस का भारतीय औचित्य
Posted on 23 Mar, 2013 10:09 AM भारत में पानी अब पुण्य कमाने का देवतत्व नहीं, बल्कि पैसा कमाने की वस्तु बन गया है। हजारों करोड़ रुपएधरती उदास है।
Posted on 22 Mar, 2013 04:05 PMकहते हैं, इन दिनों
धरती बेहद उदास है
इसके रंजो-गम के कारण
कुछ खास हैं।
कहते हैं, धरती को बुखार है;
फेफड़े बीमार हैं।
कहीं काली, कहीं लाल, पीली,
...तो कहीं भूरी पड़ गईं हैं
नीली धमनियां।
कहीं चटके...
कहीं गादों से भरे हैं
आब के कटोरे।
कुंए हो गये अंधे
बोतल हो गया पानी
कोई बताये
लहर कहां से आये ?
मिटकर जीना
Posted on 22 Mar, 2013 03:56 PM23 मार्च - शहीदी दिवस पर विशेष
चक्की में पिस आटा बनने को
दाने होते हैं मजबूर कई
बीज बन रहते हैं जो हरदम तैयार
मिटने को धरती के भीतर
वे ही बनते हैं दिवस शहीदी के आधार
वे ही बनते हैं वटवृक्ष एक दिन
वे ही भर सकते हैं घर
आंगन खुशबू से बन फूल
उनसे ही रहती है
यह सृष्टि सदाबहार
चक्की में........
मां भारती का जलगान
Posted on 22 Mar, 2013 03:48 PM22 मार्च- विश्व जल दिवस पर विशेष
जयति जय जय जल की जय हो
जल ही जीवन प्राण है।
यह देश भारत....
सागर से उठा तो मेघ घना
हिमनद से चला नदि प्रवाह।
फिर बूंद झरी, हर पात भरी
सब संजो रहे मोती - मोती।।
है लगे हजारों हाथ,
यह देश भारत.....
कहीं नौळा है, कहीं धौरा है
कहीं जाबो कूळम आपतानी।
‘जल को जानें’ बनेगा गांधी शांति प्रतिष्ठान का स्वर्ण जयंती अभियान
Posted on 21 Mar, 2013 11:35 AM कहने को पानी में सबसे कम प्रदूषण औद्योगिक इकाइयां डालती हैं, लेकिनयोजना आयोग के सामने स्वामी सानंद का विरोध
Posted on 19 Mar, 2013 09:26 AMअभिवादन! खबर है कि आज दिन-मंगलवार, 19 मार्च, 2013 को गंगा मसले पर बनी अंतरमंत्रालयी समिति अपनी रिपोर्ट पेश करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट प्रतिकूल है। बहुत संभव है कि यह रिपोर्ट पूर्व में रद्द जलविद्युत परियोजनाओं को शुरू करने के साथ-साथ कई अन्य परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की सिफारिश करे। यदि ऐसा हुआ तो यह एक बहुत ही गंभीर बात होगी। इसका प्रतिकार जरूरी होगा।
यमुना मुक्ति पदयात्रा के आगे क्या...
Posted on 15 Mar, 2013 09:55 AMयदि हमें नदियों को और इनके बहाने से खुद को बचाना है, तो सामाजिक जवाबदारी व हकदारी दोनों एक साथ सुनिश्चित करनी ह