Posted on 23 May, 2012 10:42 AMमलेरिया की औषधियां एक के बाद एक प्रतिरोधक क्षमता खोती जा रही हैं। पिछले कुछ वर्षों से प्राणघातक मलेरिया भी अपने पैर जमाता जा रहा है। आवश्यकता इस बात की है कि चिकित्सक बजाए दवा विक्रेताओं या प्रतिनिधियों की सलाह के उपचार की प्रामाणिकता को सिद्ध करें और प्रत्येक मरीज को एक पृथक इकाई मानकर उसकी बीमारी का निदान करें। मलेरिया के विद्रोही तेवर के बारे में बताती अंकिता मलिक।