अनीता शर्मा
अनीता शर्मा
बड़ीछतरी
Posted on 06 Jul, 2015 03:35 PMधार जिले के 65 परिवारों वाले बड़ीछतरी गाँव में चार हैण्डपम्प और दो कुएँ हैं। हैण्डपम्प के पानी में फ्लोराइड की सान्द्रता काफी अधिक है 0.56-7.93 के बीच जो स्वीकृत सीमा 1.5 मिग्रा प्रति लीटर से कई गुना अधिक है। दो कुओं में से एक निजी कुआँ है जिसे गाँव के हर लोग इस्तेमाल नहीं कर सकते और दूसरा सरकारी कुआँ गाँव से दो किमी दूर है। इससे जाहिर है कि सुरक्षित पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के लागू होने से पहले पू![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/15731802452_e5159eb6a1_z_3.jpg?itok=uAn7i7XD)
कालापानी
Posted on 06 Jul, 2015 01:13 PMमध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर प्रखण्ड के गरीब आदिवासी गाँव के लोगों ने सोचा नहीं था कि उन्हें कभी पीने के लिये स्वच्छ जल नसीब होगा। यह गाँव स्केलेटल फ्लोरोसिस से सबसे अधिक संख्या में प्रभावित लोगों वाले गाँव के तौर पर जाना जाता है।![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/19273400769_1d33572838_z_3.jpg?itok=EXRznATu)
सुरक्षित जलापूर्ति – लोगों के लिये आशा की किरण
Posted on 06 Jul, 2015 11:36 AMधार जिला मध्य प्रदेश के दक्षिणी आदिवासी इलाके में स्थित है। यह एक सूखा प्रभावित जिला है जो न सिर्फ नियमित तौर पर जल संकट की समस्या से जूझता है बल्कि यहाँ के भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा भी काफी अधिक है, जिसकी वजह से हड्डियाँ टेढ़ी कर देने वाले फ्लोरोसिस रोग का यहाँ प्रकोप रहता है। यहाँ के लोग भूमिगत जल पर आश्रित हैं जिसमें फ्लोराइड की सान्द्रता काफी अधिक पाई जाती है।सिंचित खेती में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ यहाँ भूमिगत जल के स्तर में गिरावट आने लगी, लिहाजा लोगों को और गहराई तक जाने के लिये मजबूर होना पड़ा। बिजली ने काफी अधिक गहराई से पानी बाहर निकालने की सुविधा उपलब्ध करा दी है, जिसकी वजह से अधिक दूषित भूजल बाहर आने लगा है।
![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/19457498715_59a9867262_z_3.jpg?itok=t5pBdRrG)