अनिल यादव

अनिल यादव
कहाँ गुम होते जा रहे हैं -हम
Posted on 03 Jan, 2016 11:42 AM

इस योजना का प्रमुख अंग था हिमालय के समानान्तर एक बड़ी नहर का निर्माण करके उसे मध्य देश और

कहाँ गुम होते जा रहे हैं ये तालाब
Posted on 03 Jan, 2016 11:22 AM

सचमुच, ये धरती माता, एक मटके के समान ही है, जिसमें से लगातार पानी उलीचा जा रहा है। हमारे

अटारी खेजड़ा का रास्ता
Posted on 03 Jan, 2016 10:42 AM

अटारी खेजड़ा गाँव के लोग पशुओं को पानी उपलब्ध कराने के मामले में निश्चिंत हैं। चालीस साल त

हैदरगढ़ - भूला हुआ सबक
Posted on 03 Jan, 2016 10:35 AM

इस सदी की शुरुआत में जब रियासतों के आपसी युद्ध कम हो गए और सुरक्षा का अहसास बढ़ गया तो नवा

पानी तो है पर कब तक
Posted on 02 Jan, 2016 04:05 PM

बारिश में जब सरकारी नलों से गन्दा और मटमैला पानी आता है, कुइयों का पानी साफ और निर्मल रहत

चन्द दिनों की ही जिन्दगी बाकी है
Posted on 02 Jan, 2016 04:01 PM

सन 1903 से 1916 के बीच तालाबों पर जो काम हुआ, उसमें मजदूरी ‘कुड़याब’ से दी जाती थी यानि मि

अब तो बस यादों में ही बचे हैं उदयपुर के तालाब
Posted on 02 Jan, 2016 03:56 PM

चन्द साल पहले पानी के लिये जब हाय-हाय शुरू हुई तो नल-जल योजना वालों ने केवटन नदी से पाइप

सिरोंज तालाब-कभी स्टेडियम तो कभी हेलीपैड
Posted on 02 Jan, 2016 11:40 AM

सिरोंज में जहाँ घर-घर खारे पानी के कुएँ हैं, तालाब किनारे और नदी पेटे के इन अमृत कुंडों न

नहीं रख पाये मान, मानसरोवर का सो अब प्यासे हैं
Posted on 02 Jan, 2016 11:34 AM

विदिशा में ही विजय मन्दिर और उदयगिरि की गुफाएँ आंशिक रूप से ही सही, पर सुरक्षित तो हैं, ल

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