अनिल राणा

अनिल राणा
अनिल राणा पानी-पर्यावरण का अगुआ (स्मृति पत्र)
Posted on 12 Sep, 2009 07:28 PM

मुझे पहली मुलाकात में ही दो तीन चीजें समझ में आयी। एक तो यह कि राणा साहब दोस्ती में पहले हाथ नहीं बढ़ाते और अगर दिल-दिमाग मिल गया तो साथ कभी नहीं छोड़ते। दूसरे, खामोश सा दिखने वाला यह शख्स दरअसल गुमसुम नहीं रहता है। जमीन पर पैर जमाकर वे आकाश पर एक ऐसा इन्द्रधनुष खींचना चाहते थे, जिसे दुनिया देखे और उन्होंने इसे सच कर के दिखा दिया।
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