अमृतांज इंदीवर
अमृतांज इंदीवर
बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे लोग
Posted on 20 May, 2014 09:21 AMसबसे बड़ा सवाल है कि लोग पानी को तो प्यूरिफाई करके पी रहे हैं लेकिनहाइब्रिड बीज से पौष्टिकता कहां संभव है
Posted on 15 Jul, 2013 05:36 PM बीजग्राम के तहत परंपरागत बीज का उत्पादन किया जाता है ताकि कंपनियोंकहानी कुछ जैविक ग्रामों की
Posted on 09 Jun, 2013 11:44 AMअंधाधुंध पेस्टीसाइड्स व फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी, पानी व हवा ऊसर होते जा रही है। जहां किसान पहले खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा 3-5 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से देते थे, वहीं आज 10-20 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से दिया जा रहा है। इसकी वजह से धरती पर ग्रीन हाउस बन रहा है और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितिकीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। परिणामस्वरूप खेत बंजर हो रहे हैं, जलस्तहरित धारा से ही जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण संभव
Posted on 12 Jul, 2023 02:32 PMमौसम की मार झेलते किसान एक बार और आस खो चुके हैं. खरीफ फसलों की तैयारी बेकार हो गई है. उप्र, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों की खेती चौपट होती जा रही है. किसानों के चेहरे पर मायूसी के बादल साफ दीख रहे हैं. गांवों में किसान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं.