यूराल पर्वत पर मन एक मन्दिर

यूराल पर्वत (फोटो साभार : अमर उजाला)
यूराल पर्वत (फोटो साभार : अमर उजाला)


यूराल पर्वत (फोटो साभार : अमर उजाला) मुझे घूमना बहुत पसन्द है। मैं काम से अलग खुद को जानने के लिये वक्त निकाल ही लेता हूँ। सच पूछिए तो मैं बहुत घूमता हूँ। खासकर पहाड़ी इलाकों में तो जरूर जाता हूँ। घूमने से दो बातें होती है पहली आपको इस भागदौड़ भरी जिन्दगी से थोड़ा आराम मिल जाता है। दूसरी नई-नई जगहों, चीजों का पता चलता है। नहीं तो क्या है घर बैठे रहिए, अपनी ही दुनिया में मस्त रहिये। वैसे भी हमारे लिये थोड़ी मुश्किलें और भाग-दौड़ ज्यादा हो जाती है।

बीच-बीच में हमें कहीं-न-कहीं निकलना ही पड़ता है अगर आप ऐसा नहीं करेंगे और लगातार काम करते रहेंगे तो इससे होगा क्या कि आप बहुत तनाव में आ जाएँगे और इसका असर आपके काम पर पड़ने लगेगा। मैं भारत के ज्यादातर पहाड़ी और पर्वतीय इलाकों को घूम चुका हूँ। जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर पूर्वी राज्य सभी जगह गया हूँ। इन जगहों पर जाने से दिल को जो सुकून मिलता है, उसको शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता। इसमें कोई शक नहीं कि हिमालय पहाड़ों का राजा है।

हिमालय का मैं बहुत भाग देख चुका हूँ, मैंने अपना पहला जो धारावाहिक किया था, उसकी शूटिंग वहीं हुई थी। पहाड़ों की सबसे खास बात यह होती है कि यहाँ जो ताजगी, प्राकृतिक सुन्दरता और जड़ी बूटियाँ होती हैं, वह आपको कहीं नहीं मिलेगी। पहाड़ों पर पाई जाने वाली जड़ी बूटियों का अगर आप सही तरीके से इस्तेमाल करें तो मेरा यकीन मानिये आप कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। हाँ, जहाँ तक भारत के बाहर की बात है, तो मैं अलग-अलग जगहों पर जाता रहता हूँ।

हाल ही में मेरा रूस जाना हुआ था। वैसे तो पूरा रूस ही देखने लायक जगह है, लेकिन मुझे रूस के पश्चिमी हिस्से में मौजूद यूराल पर्वत बहुत पसन्द आया। यूराल एक पर्वत शृंखला है, जो उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तृत है।

यह भौगोलिक रुप से एशिया और यूरोप को अलग करती है। इससे कई नदियाँ भी निकलती हैं। प्रमुख नदी कामा, कैस्पियन सागर में अपना जल विसर्जित करती है। यह पर्वत शृंखला उत्तर में आर्कटिक महासागर से दक्षिण में कैस्पियन सागर तक फैली हुई है। इस पर्वत शृंखला का उत्थान कई युगों में हुआ है। रूस के यूराल पहाड़ों की तलहटी में मलियोब्का नामक एक गाँव भी बसा हुआ है, जो बेहद खूबसूरत है। यदि आप रूस में हैं और यूराल पहुँचना चाहते हैं, तो चेल्याबिंस्क शहर पहुँचना होगा। यूराल पर पहुँचकर मन मन्दिर की तरह पवित्र हो जाता है। यह शहर म्यास नदी के किनारे बसा हुआ है। यह यूराल पहाड़ियों के पूर्व में स्थित है।

यह शहर एक औद्योगिक केन्द्र है और यूराल पर्वतीय शृंखला की प्राकृतिक यात्रा के लिये प्रवेश द्वार है। इसके अलावा मेरा रूस के अल्ताई पर्वत शृंखला और काकेशस पर्वत शृंखला आदि जगहों में भी जाना हुआ, जो मेरे लिये एक अच्छा अनुभव रहा। फिलहाल मैं धारावाहिक ‘शक्ति अस्तित्व के अहसास की’ में व्यस्त हूँ, लेकिन जल्द ही एक अन्य सफर पर निकलूँगा।

नंद राम प्रजापति से बातचीत पर आधारित
 

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