यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए अगले साल तक पूरा होगा इंटरसेप्टर

यमुना में गिरने वाले तीन प्रमुख नालों-शाहदरा, नजफगढ़ व सप्लीमेंट्री नाले के गंदे पानी को साफ करने के लिए बनाए जा रहे विशालकाय इंटरसेप्टर का काम अगले साल जून तक पूरा हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि उसके बाद यमुना में प्रदूषण कुछ हद तक कम होगा क्योंकि यमुना में दिल्ली से सबसे ज्यादा गंदगी इन नालों से ही गिराई जाती है। इंटरसेप्टर लगने के बाद इनसे यमुना में शोधित पानी गिरेगा। बजट की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि कुल 59 किलोमीटर के इन तीनों नालों पर इंटरसेप्टर बनाने पर 1357.71 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई, 2011 में ही छह पैकेज में तीन एजेंसियों को यह काम दिया गया था।

यमुना एक्शन प्लान दो के तहत पांच प्रमुख प्रोजेक्ट के लिए 387.17 करोड़ रुपए मंज़ूर किए गए हैं। इसके तहत रिंग रोड सीवेज व केशोपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बदलेगा, बेला रोड सीवर का पुनर्निर्माण होगा, वजीरपुर रोड सीवर का निर्माण और ओखला में 30 एमजीडी एसटीपी बनेगा। एक्शन प्लान की फंडिंग के जरिए ही नेशनल साइंस सेंटर परिसर में एक म्यूजियम बनेगा जिसमें पानी पर जागरूकता के लिए संदेश व मॉडल प्रस्तुत होंगे। यमुना एक्शन प्लान-3 के तहत कोंडली, ओखला व रिठाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में सुधार होगा। कच्चे पानी की 200 मिलियन लीटर प्रति दिन की कमी को पूरा करने के लिए यमुना पर तीन भंडारण बांधों के निर्माण की योजना पर भी बोर्ड विचार कर रहा है।

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