यमुना में निर्माण सामग्री फेंकी तो लगेगा 50 हजार जुर्माना

दिल्ली में प्रदूषित यमुनानई दिल्ली (नेदु/एजेंसी)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए मंगलवार को कई निर्देश जारी किए, जिसमें नदी में कूड़ा या धार्मिक सामग्री डालते पाए जाने वाले व्यक्ति पर पाँच हजार रुपए का जुर्माना भी शामिल है।

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतन्त्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यमुना में निर्माण सामग्री फेंकने पर प्रतिबन्ध लगाते हुए ऐसा करने वाले पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही ‘मैली से निर्मल यमुना पुनरुद्धार योजना 2017’ के तहत् रियल एस्टेट डेवलपर्स को बाढ़ के दायरे में आने वाले मैदानी क्षेत्र पर किसी तरह का निर्माण कार्य करने से भी रोक दिया है।

न्यायाधिकरण ने दिल्ली में यमुना के तटों तथा बरसाती पानी के नालों को दुरुस्त करने के बारे में उसके द्वारा गठित दो समितियों की सिफारिशों को अपनी मंजूरी दी।

यमुना की बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों पर अवैध निर्माण पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने रियल एस्टेट डेवलपर्स को इन क्षेत्रों में किसी तरह का निर्माण कार्य करने से रोक दिया।

न्यायाधिकरण ने यमुना जिये अभियान के मनोज कुमार मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इस याचिका में यमुना में मलबा डालने पर पाबन्दी और साफ-सफाई सुनिश्चित करने की माँग की गई।

मनोज ने बताया कि वह फैसले से सन्तुष्ट हैं और अधिकरण द्वारा हर तीन महीने में क्रियान्वयन की समीक्षा की बात प्रशंसनीय कदम है। जनवरी 2013 को एनजीटी ने यमुना में निर्माण सामग्री सहित अन्य मलबा डालने पर पाबन्दी लगाई थी।

1. नदी में कूड़ा या धार्मिक सामग्री डालते पाए जाने वाले व्यक्ति पर पाँच हजार रुपए का जुर्माना भी शामिल है।
2. रियल एस्टेट डेवलपर्स को बाढ़ के दायरे में आने वाले मैदानी क्षेत्र पर किसी तरह का निर्माण कार्य करने से भी रोक दिया है।
3. न्यायाधिकरण ने दिल्ली में यमुना के तटों तथा बरसाती पानी के नालों को दुरुस्त करने के बारे में उसके द्वारा गठित दो समितियों की सिफारिशों को अपनी मंजूरी दी।

Path Alias

/articles/yamaunaa-maen-nairamaana-saamagarai-phaenkai-tao-lagaegaa-50-hajaara-jauramaanaa

Post By: Shivendra
Topic
×