यमुना को साफ करना चाहते हैं विदेशी

यमुना नदी को बचाने और लोगों को जागरूक करने के लिए इस्कॉन से जुड़े 7 विदेशियों का एक दल यमुनोत्री से वृंदावन तक नाव से सफर कर रहा है। इसी क्रम में रविवार को यह दल नोएडा पहुंचा। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे कालिंदी कुंज के निकट से ये लोग नाव में बैठकर वृंदावन के लिए रवाना हो गए। 9 अप्रैल को वृंदावन में यात्रा पूरी होगी।

 

 

रोमांचक रही यात्रा


इस यात्रा का नेतृत्व इंग्लैंड निवासी जैव वैज्ञानिक महाविष्णु महाराज कर रहे हैं। इनके साथ जर्मनी के सनक सनातन, आयरलैंड के परशुराम दास और क्रोएशिया के तरुण कृष्ण दास हैं। इनका कहना था कि यदि जनता जागी, तो हमारी भावी पीढि़यों के लिए यमुना सुरक्षित रहेगी। यमुनोत्री से 26 मार्च को शुरू हुई इस यात्रा को हरे कृष्ण जल यात्रा नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य प्रदूषित यमुना की ओर जनता का ध्यान आकर्षित करना है। यात्रा का अनुभव बताते हुए महाविष्णु महाराज ने कहा कि वे लोग जब रवाना हुए, तो रास्ते में कई लोगों ने उन्हें मुसीबत में फंसने से बचाया। उन्होंने कहा कि कई जगह यमुना नदी का पानी बहुत साफ था। उन लोगों ने नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाई। उन्होंने बताया कि दिल्ली आते-आते लगा कि यमुना के पानी में हाथ डालने से भी दिक्कत हो सकती है। महाविष्णु महाराज ने कहा कि इसके जहरीले पानी में स्नान करना खतरनाक है। वे पूरे रास्ते पर्चे बांटते आए हैं। पर्चे में कहा गया है कि यमुना के प्रदूषण को रोकने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं फिर भी यह समस्या सबको लज्जित कर रही है। जर्मनी के सनक सनातन ने बताया कि पहले यह समझना जरूरी है कि प्रदूषित चेतना ही प्रदूषित वातावरण का प्रमुख कारण है। अब यमुना को बचाने के लिए आध्यात्मिक क्रांति की जरूरत है।

 

 

 

 

यात्रा का रूटमैप


उत्तरकाशी जिले के मुरारी नामक स्थान से यह यात्रा शुरू हुई। इसके बाद यात्रा यमुना नगर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, करनाल, सोनीपत, पानीपत, दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद होती हुई मथुरा जिले के वृंदावन में 9 अप्रैल को पूरी होगी। इससे पहले वे देव प्रयाग से अलीगढ़, मथुरा से मायापुर (पश्चिम बंगाल), मायापुर से गंगासागर और गोपालपुर से सुल्तानगंज (बिहार) की यात्रा कर चुके हैं।

 

 

 

 

कई प्लांट लग चुके हैं


दिल्ली सरकार ने यमुना नदी के पानी को प्यास बुझाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। चंद्रावल , वजीराबाद , सोनिया विहार , नांगलोई और द्वारका में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। दिल्ली से पहले पानी का रंग साफ और स्वाद बढि़या है। दिल्ली से ओखला बैराज के 22 किलोमीटर लंबे रास्ते में लगभग 18 नाले यमुना में गिरते हैं।

 

 

 

 

जंतर - मंतर पर होगा धरना


हजारों लोगों का समूह इन दिनों दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है। इलाहाबाद से चली यह यात्रा फिलहाल मथुरा पहुंच चुकी है। अगले कुछ दिनों में यूपी से हरियाणा में एंट्री करके यह यात्रा 14 अप्रैल को दिल्ली पहुंचेगी और 15 अप्रैल को जंतर - मंतर पर सभी लोग धरने पर बैठेंगे। इसका उद्देश्य यमुना को प्रदूषण से बचाना है।

 

 

 

 

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