नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से जल बोर्ड ने बन्द किए दो संयंत्र
कड़कड़ाती ठण्ड की मार के बाद दिल्लीवासियों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। जल बोर्ड ने राजधानी के कई इलाकों में पानी की सप्लाई बन्द कर दी है। दिल्ली जल बोर्ड के प्रवक्ता संजय चीमा ने बताया कि हरियाणा से मिलने वाले कच्चे पानी में प्रदूषकों और अमोनिया की भारी मात्रा पाई जाने के बाद राजधानी के दो बड़े जलशोधन संयंत्र पूरी तरह बन्द कर दिए गए हैं।
लगातार बढ़ रही है अमोनिया की मात्रा
जल बोर्ड के अनुसार, हरियाणा द्वारा यमुना नदी में औद्योगिक अपशिष्ट की मात्रा बढ़ने से पानी में अमोनिया का स्तर 2.6 एमजी प्रति लीटर तक पहुंच गया है, जबकि इसकी निर्धारित सीमा 0.2 एमजी प्रति लीटर है। इससे पहले 16 दिसंबर को भी अमोनिया का लेवल बढ़ा था और वह 1.7 पीपीएम तक पहुंच गया था। जनवरी 2014 में भी यमुना में अमोनिया का लेवल बढ़कर 1.3 पीपीएम पहुंच गया था। दिल्ली जलबोर्ड के अनुसार, यमुना में अमोनिया की मात्रा बीते रविवार की रात से लगातार बढ़ रही है।
कई इलाकों में जलापूर्ति बन्द
दिल्ली जलबोर्ड का कहना है कि इस संकट के चलते पुरानी दिल्ली, मध्य दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और उत्तरी दिल्ली में रहने वाले लोगों में से एक तिहाई हिस्से को पानी से वंचित होना पड़ेगा। कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति बन्द कर दी गई है।
अमोनिया बढ़ने की वजह से दिल्ली जलबोर्ड के चंद्रावल और वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोडक्शन करीब 75 फीसदी तक कम हो सकता है। इससे आने वाले कुछ दिनों तक दिल्ली के कई इलाकों में पानी का संकट हो सकता है। जलबोर्ड के इन दोनो प्लांटों में 239 एमजीडी पीने के पानी का संशोधन होता है।
अमोनिया बढ़ने के कारण
हरियाणा में यमुना से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों का मल-जल ड्रेन नंबर 18 में गिर रहा है। इसमें 30 पीपीएम तक अमोनिया पाया जाता है। इस कारण यमुना में अमोनिया बढ़ रहा है। कच्चे-पानी में प्रदूषित पदार्थों की असामान्य बढ़ोत्तरी को देखते हुए दिल्ली जलबोर्ड ने वजीराबाद और चंद्रावल जल-शोधन संयंत्रों को पहली बार बन्द कर दिया है।
वीवीआईपी इलाकों में भी पानी की किल्लत
इन दोनों प्लांटों से दिल्ली के वीवीआईपी इलाके में पानी की सप्लाई होती है। राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति आवास, संसद भवन, सभी सांसदों के आवास, इंडिया गेट, कनॉटप्लेस, सभी एंबेसी और एनडीएमसी इलाके में पानी सप्लाई होती है। पानी का उत्पादन कम होने से इन इलाकों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 135 एमजीडी है, जिससे पुरानी दिल्ली के इलाके, चांदनी चौक, दरियागंज, अजमेरी गेट, कश्मीरी गेट, मोरी गेट, जामा मस्जिद, चावड़ी बाजार, सिविल लाइंस सहित कई इलाकों में सप्लाई होती है। दो वाटर प्लांट बन्द होने से सेंट्रल, नार्थ, नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली, एनडीएमसी इलाके प्रभावित हो रहे हैं।
जलबोर्ड में जांच का टोटा
पानी में से अमोनिया दूर करने के लिए जल बोर्ड उसमें क्लोरीन मिलाता है, जिससे पानी में क्लोरोएमींस बनने लगते हैं। जलबोर्ड की सेंट्रल लैब में कभी-कभार एमींस की जांच होती है। यह जांच केवल प्राथमिक लेवल पर यानी मोनोक्लोरोएमींस की जांच होती है। वहीं, बाई-क्लोरोएमींस की जांच नहीं की जाती। सैंट्रल लैब भी सुबह 10 बजे से लेकर शाम साढ़े पांच तक ही खुलती है। बीआईएस स्टैन्डर्ड 2012 के 10500 के मुताबिक, पानी की टेस्टिंग के लिए जलबोर्ड को 68 तरह के टेस्ट करने चाहिए, लेकिन जलबोर्ड कच्चे पानी के लिए बारह टेस्ट, फिल्टर्ड वॉटर के लिए दो टेस्ट और फाइनल वाटर के लिए केवल छह टेस्ट ही करता है।
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