यमुना बचाओ आन्दोलन

यमुना नदी की हिन्दू जीवन में क्या महत्व है, भक्त के मन में क्या सार्थकता है, यह सब हम अच्छी तरह जानते है । यमुना नदी के बिना ना तो हम बृज की कल्पना कर सकते हैं ना ही कृष्ण लीला का रसास्वादन कर सकते हैं । कालिया दहन , चीर हरण , रास लीला, माँ यशोदा द्वारा ब्रहमांड दर्शन , बाल गोपाल की क्रीडा लीला आदि अनेकानेक लीलाएँ यमुना जी के तीर पर हुई हैं । आज भी भक्तजन वेणु कि मधुर ध्वनी यमुना तट पर सुनते हैं , कदम्ब के वृक्ष के पता लताओं के रूप में अनेक ऋषि संत यमुना तट पर बृज में वास करते हैं ।

हमारे शास्त्रों मैं यमुना नदी का अनंत महात्म्य है । श्रीमद भागवत महापुराण में यमुना जी को साक्षात् भगवती स्वरूप माना गया है । यमुना जी सूरज की पुत्री हैं , यमराज कि बहिन यमी हैं एवं कालिंद पर्वत कि बहिन होने के नाते कालिंदी कहलाती हैं । यमुना जी कृष्ण प्रेम का प्रतीक हैं । गंगा जी यदि मानव के मोक्ष एवं निर्वाण का प्रतीक हैं तो यमुना जी अथाह प्रेम एवं स्नेह का प्रतीक हैं । यही प्रेम मानव को मृत्यु से भी मुक्ति दिलवा सकता है ।

भोगोलिक दृष्टि से यमुना जी का उद्गम स्थल समुद्री तल से 6379 मीटर कि ऊंचाई पर , उत्तराँचल प्रदेश की देवभूमि का पावन स्थल यमुनोत्री है । यमुनोत्री से प्रयाग (संगम ) तक की 855 मील (1396 किलोमीटर) कि यात्रा यमुना जी मुख्यत उत्तराँचल, उत्तर प्रदेश, हिरयाणा एवं दिल्ली प्रदेश से होकर करती हैं । यमुना जी का जल तीन लाख पेंतालीस हजार किलोमीटर कि भूमि को सींचित करता है । ये पावन, स्वच्छ यमुना जी उत्तरप्रदेश की भूमि तक तो मैला रहित रहती हैं, यानी यमुनोत्री से हथिनी कुण्ड बैराज तक तो यमुना जी का जल स्वच्छ रहता है । परन्तु मथुरा तक पहुंचते सब प्राणियों को जीवन दान करने वाली, प्रेम देने वाली इस नदी को मृत नदी घोषित कर दिया जाता है । वैसे तो ओधोगिक क्षेत्र से गुजरते हुए वहाँ का प्रदुषण यमुना जी अपने भीतर वहन ही नहीं करती हैं , सहन भी करती हैं , परन्तु दिल्ली प्रदेश में प्रवेश करते ही यह नदी मैले के अतिरिक्त और कुछ नहीं रह जाती है । यमुना जी की वजीराबाद बैराज से ओखला बैराज तक की यात्रा मात्र 59 किलोमीटर तक कि होती है , इस दौरान यमुना जी का केवल 2% पानी ही प्रवाहित होता है , परन्तु दिल्ली प्रदेश में प्रतिदिन 3269 मिलियन लीटर मैला यमुना जी में प्रतिदिन प्रवाहित है । बृज भूमि पहुंचाते यह नदी दुर्गन्धपूर्ण कीचड़ बनकर रह जाती है । इस पावनी नदी यमुना जी की दुर्दशा देखकर किस भक्त का ह्रदय नहीं काँपेगा ?

यमुना जी के जल को स्वच्छ बनाये रखना कोई दुष्कर कार्य नहीं है , इसके तीन सरल उपाए हैं -
1) हथिनी कुण्ड बैराज से यमुना जी में अधिक जल छोड़ा जाए ।
2) दिल्ली प्रदेश में यमुना जी में मैला डालने के कुचक्र को नियंत्रत किया जाए । इसके लिए यमुना जी के साथ साथ पाइप लगाकर मैले कि दिशा को मोड़ा जा सकता है या drainage बनाये जा सकते हैं ।
3) प्रतिवर्ष मई से लेकर नवम्बर माह में यमुना जी का जल बेरोक टोक बहाया जाना चाहिए । इस समय बहुधा नदी में पानी कम ही रहता है ।

यदि आप यमुना नदी के जल को स्वच्छ रखने का स्थाई हल खोज रहे हैं तो एक स्वतन्त्र संस्था का संगठन करें जो सरकार के दिन प्रतिदिन के हस्तक्षेप के बिना शोध एवं कार्य करेगी । यह संस्था सीधे लोकसभा में अपने कार्य के विकास की सूचना दे । सरकार इस पर्यावरण बचाओ संस्था के लिए एक निश्चित राशि दे । यमुना जी की तरह अन्य नदियों कि भी सफाई का अभियान भी आरम्भ किया जा सकता है ।

वर्ष 1975 से अनेक सरकारी योजनांएं बनती बिगड़ती रही हैं ,परन्तु परिणाम कुछ भी नहीं रहा है । सर्वोच्च न्यायलय ने 8 मई तक सरकार से यमुना उद्धार कि रिपोर्ट मांगी है । सरकार द्वारा दिल्ली के 22 किलोमीटर हिस्से की यमुना नदी की सफाई के लिए पिछले दशक में 1500 करोड़ रूपए व्यय हो चुके हैं , परन्तु सारा धन कहाँ गया है ? क्योंकि यमुना में गंदगी बढ़ती जा रही है ।

मान मंदिर से सेवा संस्थान ने पूजनीय रमेश बाबा जी के दैविक नेतृत्व में 1 मार्च से 15 अप्रैल तक ' यमुना बचाओ आन्दोलन ' का शुभारम्भ किया है । प्रयाग से दिल्ली तक यमुना भक्तों ने यात्रा की एवं दिल्ली में जंतर मंतर में एक लाख पचास हजार से भी अधिक संख्या में एकत्रित होकर अपना मत सरकार के सामने रखा । इस आन्दोलन में भारतीय किसान संघ की अहम् भूमिका रही है । इस आन्दोलन में मानमंदिर के भक्तों एवं गोपिओं की विशेष भूमिका निभाई । सरकार की प्रतिनिधि श्रीमती बहुगुणा जी बृज भक्तों एवं भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष से मिली एवं सबको आश्वासन दिया कि हथिनी कुण्ड बेराज से अधिक मात्र में जल यमुना जी में छोड़ा जाएगा । यात्रा तो अभी पूर्ण हुई है परन्तु संघर्ष जारी है ।

बृज की गली गली में घूम घूम कर यमुना बचाओ आन्दोलन के विषय में भजन संकीर्तन द्वारा चेतना जाग्रत की जा रही है । आप भी इस आन्दोलन में सहयोग देकर एक यजमान बन सकते हैं । कृपया साथ में दी गई petition पर हस्ताक्षर करें ।
 

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