वर्षा जल संचयन एवं पुनर्भरण तकनीक द्वारा भूजल विकास एवं प्रबंधन – उज्जैन, म.प्र. के संदर्भ में

मध्य प्रदेश के मालवा पठार में उज्जैन नगर 230 111 अक्षांश एवं 750 481 देशांतर में स्थित है। उज्जैन में भूजल का दोहन खोदे गये कूपों तथा नलकूपों के माध्यम से हो रहा है। अत्यधिक या अनियंत्रित भूजल दोहन के कारण भूजल स्तर में निरंतर गिरावट तथा अल्प वर्षा के कारण भूजल भंडारण में अपर्याप्त पुनर्भरण होने से जल आपूर्ति की समस्या उत्पन्न हो रही है।

वर्षा जल पुनर्भरण तकनीक भूजल संचय एवं प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निर्वाह करती है। इसके अंतर्गत छतीय वर्षा जल संवर्धन एवं कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं द्वारा जल संवर्धन तकनीक आती है। उज्जैन के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भौगोलिक एवं भूगर्भिक स्थित के आधार पर भूजल पुनर्भरण के लिए विभिन्न कृत्रिम संरचनाएं निर्मित की जा सकती है, जिनके द्वारा वर्षा जल संचयन कर भूजल भंडारण की मात्रा में वृद्धि की जा सकती है। इन प्रमुख संरचनाओं में गड़ढे, ट्रेंच, तालाब, परकोलेशन टेंक, कुएं व नलकुप, इन्जेकशन वैल, भूमिगत डाइक तथा छोटे-छोटे बांध है। इस शोध पत्र में कृत्रिम संरचनाओं में वर्षा जल संचयन के माध्यम से भूजल विकास एवं प्रबंधन की विवेचना की गई है।

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