जलवायु परिवर्तन के पूर्वानुमान के अनुसार निकट भविष्य ने तापमान में वृद्धि एवं वर्षण अभिलक्षणों में परिवर्तन को संभावना है जिसके कारण जल चक्र के विभिन्न घटकों पर प्रभाव पड़ेगा। इसके फलस्वरूप समय एवं स्थान में जल की उपलब्धता में परिवर्तन आयेगा। जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए तथा अनुकूल युक्तियों का विकास करने के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि बेसिन स्केल पर विस्तृत निदर्शन विश्लेषण किए जाए जिससे भू सतह के ऊपर व नीचे जल चक्र के प्रवाह घटकों को आंकलित किया जा सके तथा विभिन्न जलवायु परिवर्तन की स्थिति में भविष्य के घटकों का पूर्वानुमान किया जा सके।
वर्तमान निदर्शनों में नदी बेसिन में जल संसाधन अवयवों पर जलवायु संवेदनशील प्राचलों तथा विभिन्न विकास गतिविधियों के प्रभाव का निर्धारण करना कठिन कार्य है। इसलिए नदी बेसिन में जल विज्ञानीय चक्र के विभिन्न घटकों के निर्धारण के लिए तथा विभिन्न उद्देश्यों के लिए जल मांग के आंकलन के लिए एक निदर्श के विकास की आवश्यकता महसूस की गई।
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वर्तमान निदर्शनों में नदी बेसिन में जल संसाधन अवयवों पर जलवायु संवेदनशील प्राचलों तथा विभिन्न विकास गतिविधियों के प्रभाव का निर्धारण करना कठिन कार्य है। इसलिए नदी बेसिन में जल विज्ञानीय चक्र के विभिन्न घटकों के निर्धारण के लिए तथा विभिन्न उद्देश्यों के लिए जल मांग के आंकलन के लिए एक निदर्श के विकास की आवश्यकता महसूस की गई।
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