लंदन प्रेट्र - प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले बारीक़ कण फेफड़े के जरिये रक्त में पहुँच रहे हैं। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। एक ताजे अध्ययन में इस बाबत आगाह किया गया है। प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले नैनो पार्टिकल्स यानि बारीक़ कणों के चलते दिल सम्बन्धी बीमारियों की आशंका ज्यादा बनी रहती है। जिससे समय पूर्व मौत का खतरा हमेशा बना रहता है। हालाँकि अब भी यह रहस्य बना हुआ है कि हवा के जरिये फेफड़े में पहुँचने वाले ये नैनो कण रक्त धमनियों और दिल को कैसे प्रभावित करते हैं।
ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और नीदरलैंड के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ एवं एनवायरन्मेंट के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि साँस के जरिये फेफड़ों में पहुँचने वाले ये नैनो पार्टिकल्स रक्त धमनियों तक पहुँच सकते हैं। वैज्ञानिकों ने दिल सम्बन्धी बीमारियों और वायु प्रदूषण के सम्बंधों को पुरजोर तरीके से सामने रखा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि 2012 में समय पूर्व होने वाली 72 फीसद मौतों के लिये वायु प्रदूषण जिम्मेदार है। वायु प्रदूषण के कारण हृदय रोग और दौरा पड़ना सामान्य बात है। वहीं 28 फीसद मौतें सांस में दिक्कत और फेफड़े के कैंसर के कारण हो रही हैं। हालाँकि कुछ वैज्ञानिकों को इस बात पर संदेह है कि वायु में पाए जाने वाले बारीक कण फेफड़े से रक्त धमनियों में पहुँच रहे हैं। लेकिन साक्ष्य एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की आशंका को सही बताते हैं। इससे सम्बंधित शोध एसीएस जर्नल में प्रकाशित हुआ था। उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण से तमाम देश परेशान हैं। चीन में इसके चलते आये दिन तमाम तरह के प्रतिबंध लगाने पड़ते हैं।
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