वायु चलेगी दखिना


वायु चलेगी दखिना।
माँड़ कहाँ से चखिना।


भावार्थ- जब दक्खिनी हवा चलेगी तो मांड़ चखने को नहीं मिलेगा अर्थात् धान की फसल अच्छी नहीं होगी।

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Post By: tridmin
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