गर्मियों के सीजन में पानी की किल्लत जैसे ही शुरू होती है, टैंकर माफिया काली कमाई में जुट जाते हैं। देहरादून के कई इलाकों में पानी का संकट है, ऐसे में लोग प्राइवेट टैंकर चालकों से पानी की सप्लाई मंगवा रहे हैं। लेकिन ये टैंकर संचालक पानी के मनमाने रेट वसूल रहे हैं। एक टैंकर पानी की कीमत 400 से 900 रुपए तक वसूली जा रही है। इसमें एक और खेल भी सामने आया है। टैंकर पर कहीं नहीं लिखा है कि उसमें कितना लीटर पानी आता है। इनके खिलाफ जिम्मेदार विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे और लोग लूटने को मजबूर है।
पानी के बदले पानी में भी खेल
शहर में पानी की कमी होने पर सप्लाई के लिए खुद जल संस्थान प्राइवेट टैंकरों के भरोसे हैं। प्राइवेट टैंकरों से सीधा करार है कि अगर जल संस्थान प्राइवेट टैंकर को एक चक्कर पानी लेकर किसी इलाके में भेजता है। तो बदले में उस जल संस्थान के हाइड्रेंट से दो टैंकर पानी भरने की परमिशन होती है। जबकि शहर की बात की जाए तो जल संस्थान के पास पानी कम होने की वजह से अधिकतर प्राइवेट टैंकरों पर निर्भर हैं। ऐसे में यदि संस्थान अपनी ओर से एक चक्कर टैंकर को कहीं भिजवाता है तो उसे बदले में अपने ट्यूबवेल से दो बार पानी देना होता है। जिसके टैंकरों की ओर से मनमाने रेट वसूले जाते हैं, जबकि पानी फ्री का होता है।
प्रशासन तय करे टैंकर के रेट
हाल ही में नैनीताल प्रशासन ने प्राइवेट टैंकरों के लीटरवाइज रेट फिक्स किए हैं ताकि वे आम पब्लिक को ना लूट सकें। नैनीताल डीएम विनोद कुमार सुमन द्वारा बाकायदा रेट लिस्ट जारी करवाई गई है, इसमें 3000 लीटर क्षमता वाले टैंकर का चार्ज 300 रुपए, 5000 लीटर तक 450 रुपए और 5000 लीटर से ज्यादा क्षमता वाले टैंकर का रेट 550 रुपए तय कर दिया गया है। इससे ज्यादा वसूली पर टैंकर संचालक के खिलाफ आरटीओ और जल संस्थान उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। टैंकरों के सत्यापन के लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। देहरादून में लोग यही डिमांड कर रहे हैं।
पानी की क्षमता की जानकारी प्रिंट नहीं
पानी के टैंकर पर उसकी जल क्षमता की जानकारी प्रिंट होनी चाहिए। लेकिन अधिकांश टैंकरों पर ये जानकारी प्रिंट नहीं है। ऐसे में कई बार 3000 लीटर वाला टैंकर 5000 लीटर क्षमता का बताकर भी टैंकर संचालक मनमाने रेट पब्लिक से वसूलते हैं। लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई करने वाला कोई नहीं। जल संस्थान के पास टैंकरों की कमी का भी ये जमकर फायदा उठा रहे हैं।
पेयजल किल्लत का पूरा फायदा टैंकर संचालक उठा रहे हैं और जल संस्थान ने भी उन्हें खुली छूट दे रखी है। टैंकर संचालक मनमाने रेट वसूल रहे हैं। दूरी और जगह के हिसाब से 400 रुपए से लेकर 900 रुपए तक एक टैंकर पानी की कीमत वसूली जा रही है। जल संकट से जूझ रहे मजबूर होकर उनकी मनमानी झेल रहे हैं। जल संस्थान के सीजीएम एसके शर्मा का कहना है कि टैंकर के टेंडर डीएम स्तर से ही होते हैं। रेट लिस्ट वहीं से फाइनल होती है। जल संस्थान की ओर से रेट फाइनल नहीं किए जाते हैं।
कैंट इलाके में 10 दिन से जल संकट
कैंट इलाके में टपकेश्वर कॉलोनी, नींबूवाला, टपकेश्वर रोड आदि जगहों पर 10 दिनों से पानी की किल्लत बनी हुई है। क्षेत्रीय लोग कई बार कैंट बोर्ड से शिकायत कर चुके हैं। बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोग प्राइवेट टैंकर मंगवा रहे हैं, जिससे 550 रुपए तक देने पड़ रहे हैं।
राघव विहार का ट्यूबवेल फुंका
प्रेमनगर के पास राघव विहार का ट्यूबवेल मंडे को फुंकने की वजह से पानी की सप्लाई ठप्प हो गई है। इससे राघव विहार फेज 1,2,3 सहित कृष्णा विहार, शक्ति कॉलोनी आदि क्षेत्रों के करीब दस हजार लोगों को दिनभर पानी नहीं मिल पाया। यही नहीं दो दिन पहले ही इस क्षेत्र में गोरखपुर का ट्यूबवेल फुंक जाने की वजह से लोगों को किल्लत हुई थी। ऐसे में लोगों को प्राइवेट टैंकर बुलाने पड़े।
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