उत्तराखंड में मानसून अकसर समय पर आ जाता था लेकिन इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा। जिसके कारण गर्मी से तापमान भी बढ़ोतरी नहीं हो रही है. उत्तराखंड में वैसे जून के महीने में प्री मानसून आ जाता है लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ। शुरुआती हफ्ते में जरूर बारिश हुई थी लेकिन जून माह के आखरी सप्ताह में इसकी रफ्तार काफी धीमी हो गई ।
जून में मानसून और प्री मानसून को मिलाकर प्रदेश में कुल 262.7 एम एम बारिश हुई है । जो 50 प्रतिशत फीसदी रही।मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए जिलावार आकड़ो से यह पता लगता है कि जून महीने में सबसे कम बारिश हुई है । जिसमें अल्मोड़ा में 85 चंपावत में 59 पौड़ी में 25 टिहरी में 33 हरिद्वार में तीन नैनीताल में 27 पिथौरागढ़ में 33 रुद्रप्रयाग में 55 उधम सिंह नगर में सामान्य से 13 फ़ीसदी कम बारिश हुई है ।
वही बात करे जून के आखिरी सप्ताह की तो उसमें में भी 66 प्रतिशत कम बारिश हुई है , अल्मोड़ा जिले में सामान्य से 81 फीसदी , उत्तरकाशी में 95 उधमसिंहनगर में 74 , पिथौरागढ़ में 57 पौड़ी गढ़वाल में एटीट्यूड देहरादून में 81 चंपावत में 91 चमोली में 40 टिहरी में 64 हरिद्वार में 38 नैनीताल में 18 फीसदी कम बारिश हुई है ।
इन 13 जिलों में से केवल बागेश्वर जिला है जहां पर सामान्य से 7 फ़ीसदी अधिक बारिश हुई है । मौसम विज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया है कि मानसून की देरी के कारण यह धीमा पड़ गया। लेकिन आने वाले समय मे इस पर फिर तेजी आने की उम्मीद है।मौसम विभाग द्वारा जारी पिछले 7 साल के आंकड़े बताते है साल 2014 में 37, 2015 में 111,2016 में 104,2017 में 105, 2018 में 97 2019 में 47 2020 में 82 फीसदी बारिश दर्ज की गई।
पिछले कुछ सालों से जलवायु में हो रहे परिवर्तन के कारण भारतीय मानसून पर भी इसका असर हुआ । पहले मानसून एक से दो हफ्ते पहले आज जता था लेकिन अब 5 से 7 दिन बाद आ रहा है।जो वाकई में गंभीर है।
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