उत्तराखंड सरकार ने गैरसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र में बुधवार को बजट पेश किया। ये पहला अवसर है, जब गैरसैंण में किसी सरकार ने बजट पेश किया है। सरकार ने बजट के माध्यम से किसानों को पूरी तरह साधा है और होली से पहले ही किसानों की झोली को खुशियों के रंगों से भरने का प्रयास किया है। किसानों के हित में लाए गए इस बजट में केंद्र के बजट की ही झलक दिखती है। जिसमें केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की तर्ज पर ही मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के लिए बजट में ही 18 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही गन्ना किसानों को भी राहत दी है, तो वहीं मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने और पशुचारा परिवहन योजना शुरू करने की घोषणा की है। सरकार ने गेहूं और धान की खरीद के लिए 2300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। तो वहीं जैविक खेती पर भरोसा जताते हुए जैविक कृषि विधेयक लागू किया है। इससे न केवल किसानों की आय दोगुनी होने की संभावना है, बल्कि उनकी जिंदगी में खुशियां भी आएंगी।
बजट में ये किए गए प्रावधान
- मुख्यमंत्री किसान विकास योजना के लिए 18 करोड़ का प्रस्ताव।
- बकाया गन्ना भुगतान के लिए 240 करोड़ का प्रस्ताव किया गया।
- सहकारी व सरकारी चीनी मिलों को लोन देने के लिए बैंकों को मिली 399 करोड़ रुपये की गारंटी।
- चीनी मिलों को साॅफ्ट लोन दिए जाने के लिए नीति जारी की है।
- 800 कस्टम हायरिंग सेंटर और 500 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित होंगे। जहां से किसान अपने जरूरत के हिसाब से मशीन किराए पर ले सकते हैं।
- जैविक कृषि विधेयक लागू किया गया।
- जैविक कृषि उत्पाद खरीदने वाली कंपनियों और फर्मों का निशुल्क पंजीकरण कराने का बजट मंे ऐलान।
- कृषि और बागवानी विकास के लिए 60 करोड़ का प्रावधान।
- गेहूं और धान की खरीद के लिए 2300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
- समेकित सहरकारी किसान परियोजना के लिए 100 करोड़ की धनराशि का प्रावधान।
- दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निमम को 444 करोड़ की योजना स्वीकृत। योजना में ही 20 हजार दुधारू पशुओं को खरीदने के लिए सहकारी समितियों के सदस्यों को कर्ज दिया जाएगा।
- 53 करोड़ की राशि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्वीकृत।
- पशुचारा परिहवन योजना की गई शुरू। जिसमें पशु आहार और साइलेज के ट्रांसपोर्ट का खर्च सरकार वहन करेगी।
लेखक - हिमांशु भट्ट (8057170025)
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