डॉक्टरों की राय है कि जलबोर्ड का पानी भी उबाल कर पीएं। बरसात में जलबोर्ड के पानी में नाले व सीवर का गंदा पानी मिल जाता है, जो बहुत नुकसानदायक है। गंदे पानी को हमेशा उबाल कर पीना चाहिए। खाना भी सीधे जलबोर्ड के पानी से बनाने की बजाए आरो के पानी से बनाया जाए तो बेहतर रहता है।
पश्चिमी दिल्ली (कासं)। पश्चिमी दिल्ली के उत्तमनगर कालोनी के कई इलाकों में पिछले कई महीनों से लगातार गंदा पानी आ रहा है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग पीलिया व हेपेटाइटिस के शिकार हो रहे हैं। पिछले दो-तीन महीने में केवल शीशराम व नंदराम पार्क इलाके में ही 50 से अधिक लोग हैपेटाइटिस ए व ई के शिकार हो चुके हैं। इलाके सरकारी अस्पताल से लेकर निजी नर्सिंग होम तक में इलाज के लिए आए मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस इलाके में पिछले दो महीने से काला और बदबूदार गंदा पानी आ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि इसी तरह गंदा पानी आता रहा और पीलिया व हैपेटाइटिस के मामले आते रहे तो लंबे समय में पीड़ितों का लिवर, किडनी आदि खराब होने के साथ-साथ मौत भी हो सकती है। इसलिए साफ पानी का सेवन हर किसी के लिए बहुत जरूरी है। इस बारे में दिल्ली जल बोर्ड के संबंधित अधिकारी से बात करने पर उन्होंने स्वीकार किया कि उत्तमनगर के शीशराम पार्क और नंदराम पार्क में गंदे पानी की समस्या लगातार बनी हुई है। इस इलाके में पिछले 25 साल से पाइप लाइन नहीं बदली गई है। आठ ईंच का पाइप बिछा है, जो जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है।लोगों ने अवैध रूप से पानी जोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल किया, जिससे यह अधिक क्षतिग्रस्त हुआ है। उनके अनुसार, न्यू होली पब्लिक स्कूल से शीशराम पार्क की ओर जाने वाली 200 से 250 मीटर का हिस्सा अधिक क्षतिग्रस्त है। उनके अनुसार, इसे बदलने की मंजूरी मिल चुकी है। बरसात में लोग अपने घर के आगे खड्डे से नाराज होते और अगले कुछ दिनों में कई छुट्टियां है इसलिए 16 अगस्त से काम शुरू कर दिया जाएगा। क्षेत्रीय निवासी मोहित मल्होत्रा का कहना है कि अप्रैल महीने से ही शीशराम पार्क में गंदा व बदबूदार पानी आ रहा है। उत्तम नगर के आर्य समाज रोड स्थित महाजन नर्सिंग होम के निदेशक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश महाजन के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में पीलिया के मरीज इलाज के लिए लगातार आ रहे हैं। इनमें बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। डॉ. महाजन के अनुसार गंदे पानी की वजह से लोग पीलिया व हैपेटाइटिस का शिकार होते हैं। जानकारों के अनुसार इलाके के दीन दयाल उपाध्याय और दादादेव अस्पताल में भी बड़ी संख्या में लोग गंदे पानी की वजह से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इन अस्पतालों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन यहां के डॉक्टरों का कहना है कि पिछले हर रोज कम से कम दो मरीज पीलिया का इलाज कराने जरूर पहुंचते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार हैपेटाइटिस ई, बी व सी की अपेक्षा कम खतरनाक है, लेकिन इसे हल्के में भी नहीं लिया जा सकता है। हैपेटाइटिस ई में आंखों में पीलापन, भूख नहीं लगना, थकावट महसूस होना, लगातार उल्टी होना शामिल है। समय पर इलाज न होने पर बेहोशी, गुर्दे व लिवर की खराबी और पेट में पानी तक हो जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है। इससे पीड़ित पांच फीसदी लोग मौत के शिकार हो जाते हैं। डॉक्टरों की राय है कि जलबोर्ड का पानी भी उबाल कर पीएं। बरसात में जलबोर्ड के पानी में नाले व सीवर का गंदा पानी मिल जाता है, जो बहुत नुकसानदायक है। गंदे पानी को हमेशा उबाल कर पीना चाहिए। खाना भी सीधे जलबोर्ड के पानी से बनाने की बजाए आरो के पानी से बनाया जाए तो बेहतर रहता है।
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