ऊख करै सब कोई


ऊख करै सब कोई।
जो बीच में जेठ न होई।।


भावार्थ- यदि ज्येष्ठ जैसा गर्मी का महीना न हो तो हर किसान ईख की खेती करना चाहेगा।

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Post By: tridmin
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