ऊगी हरनी फूले कास।
अब का बोये निगोड़े मास।।
शब्दार्थ- निगोड़े-आलसी, निठल्ला। मास-उड़द। हरनी-अगस्त नामक तारा।
भावार्थ- अब आसमान में अगस्त तारे का उदय हो गया है और ‘कास’ भी फूल गये हैं तो ऐ निठल्ला किसान! अब उड़द बोने से क्या लाभ?
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