उगे अगस्त फूले बन कास।
अब छोड़ो बरखा की आस।।
भावार्थ- अगस्त तारे के निकलते ही जंगल में कास फूलने लगे हैं, अतः अब वर्षा की आशा छोड़ देनी चाहिए।
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