‘उड़ती नदियों’ का अध्ययन करेगा अमेजन टावर

तैयार हो जाने पर 325 मी. ऊँचे ‘द अमेजन टाल टावर ऑब्जर्वेटरी’ यानी ‘एट्टो’ से नीचे देखने पर किसी को भी घबराहट होना यकीनी है।

एफिल टावर से भी ऊँचे इस टावर पर विभिन्न प्रकार के सैंसर्स तथा अन्य अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं ताकि जलवायु परिवर्तन का गहन् अध्ययन किया जा सके। टावर पर लगाए जाने वाले वैज्ञानिक उपकरणों का मकसद अमेजन वर्षावन में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा कारणों का विस्तार से अध्ययन करना है। वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि वर्षा वन का धरती की जलवायु तथा उसका वर्षा वन पर क्या असर हो रहा है।

टावर की मदद् से अमेजन की गायब हो रही ‘फ्लाइंग रीवर्स’ यानी ‘उड़ती नदियों’ के कारण जानने की कोशिश भी की जाएगी। दरअसल, पेड़ों से उत्सर्जित होने वाली नमी जलवाष्पों के बादल बनकर अमेजन से बाहर निकलती है। इसे ही ‘फ्लाइंग रिवर्स’ कहा जाता है।

इन की वजह से ही अधिकतर मध्य तथा दक्षिण ब्राजील में वर्षा होती है। हाल के समय में कई इलाकों में अकाल पड़ा है क्योंकि अमेजन से ऐसी ‘फ्लाइंग रिवर्स’ गायब हो रही हैं। पेड़ों के कटान की वजह से अमेजन वर्षावन के आकार में हो रही कमी को भी इसकी एक वजह माना जा रहा है।

टावर की स्थापना के लिए वैज्ञानिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सबसे पहले उन्हें जंगल में बसे शहर मानाऊस से 100 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 174 पर उत्तर की तरफ जाना पड़ता है। वहाँ से वे पूर्व में विशाल बाल बीना हाइड्रोइलेक्ट्रिक बाँद की तरफ जाते हैं।

फिर उन्हें कच्ची सड़क से 30 किलोमीटर दूर रियो उतामा तक पहुँचना पड़ता है जहाँ से नौका में सवार होकर वे जंगल के भीतर पहुँचते हैं। इसके बाद उन्हें अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए तेरह किलोमीटर जंगल में चलना पड़ता है। इस टावर का निर्माण कार्य गत् वर्ष अगस्त-सितम्बर में शुरू किया गया था जिसके अगले साल तक तैयार हो जाने की आशा है परन्तु इसके लिए तैयारियाँ करने में कई साल लगे हैं।

टावर को खड़ा करने के लिए स्टील के टुकड़ों को यहाँ तक लाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी। कई सौ किलोमीटर दूर से इन्हें जंगल के बीच तक पहुँचाना बहुत कठिन रहा।

इस परियोजना पर आने वाले कुल खर्च का अनुमान 10.7 मिलियन डॉलर लगाया गया है जिसे जर्मनी तथा ब्राजील ने आधा-आधा उठाया है। जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ब्राजीलियन अमेजन रिसर्च इंस्टिट्यूट इनपा इस परियोजना के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

इसे मानाऊस शहर से इतनी दूर इसलिए स्थापित किया जा रहा है ताकि इस शहर के प्रदूषण के असर से दूर रहते हुए प्राकृतिक वातावरण में अध्ययन हो सके। टावर को विद्युत आपूर्ति करने वाले जनरेटरों को भी इससे कई किलोमीटर दूर लगाया गया है।

ब्राजील में अमेजन वर्षावन में इस टावर के लिए चुनी गई लोकेशन का सबसे अधिक वैज्ञानिक महत्व है क्योंकि अमेजन दुनिया का विशालतम घना वर्षा वन है। हालाँकि इसका आकार सिकुड़ता जा रहा है, अभी भी इसका विशाल इलाका धरती से कार्बन सोखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन में बदलता है जो धरती पर जीवन के लिए जरूरी है।

इस प्रकार अमेजन पारिस्थितिकी तन्त्र सूर्य की सीधी किरणों से धरती की रक्षा करता है। यहाँ होने वाली आधी वर्षा पत्तों से होने वाले वष्पीकरण द्वारा वायुमण्डल के जलचक्र को लौटा दी जाती है।

इसी स्थान पर प्राथमिक अमेजन आँकड़े जमा करने के लिए ‘क्लेयर’ नामक एक छोटा टावर वर्ष 2011 में स्थापित किया गया था। 80 मीटर ऊँचे इस टावर से दिखाई देने वाला नजारा भी कम अविस्मरणीय नहीं है।

‘एट्टो’ इसकी तुलना में कहीं अधिक ऊँचाई से आँकड़े जुटाएगा। वह हवा में मौजूद सूक्ष्म तत्वों तथा महीन बूँदों का अध्ययन कर सकता है। वह इस बात का भी अध्ययन करेगा कि किस तरह से ‘एयरमास’ (एक समान आर्द्रता तथा तापमान वाली हवा का विशाल भण्डार) कई सौ किलोमीटर का सफर करती है।

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Post By: Shivendra
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