लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ में भी हालात बदतर होने लगे हैं। बारिश के कारण जहाँ केदारनाथ यात्रा प्रभावित हो रही है। वहीं अब केदारनाथ धाम से निकलने वाली मंदाकिनी नदी ने केदारनाथ धाम से विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिस कारण वहाँ रह रहे लोग भी भयभीत हो गये हैं। बढ़ते जल-स्तर के कारण नदी केदारनाथ में दो भागों में विभाजित हो गई है। नदी का जल-स्तर इतना बढ़ गया है कि नदी दो धाराओं में बह रही है। नदी ने अपना रुख भी बदल दिया है।
रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी/एसएनबी। पिछले अड़तालीस घंटों से हो रही बारिश के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन का सिलसिला जारी है। केदारनाथ हाईवे के डेंजर जोन बरसात में आम जनता के साथ-साथ केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये भी नासूर बन गये हैं।हाईवे पर यात्री और केदारघाटी के बाशिंदे अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। जिले में आफत की बारिश जारी है। बारिश के कारण आम जन-जीवन प्रभावित हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले कई लिंक मोटर मार्ग भी बन्द हो गये हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों का सम्पर्क ब्लॉक एवं जिला मुख्यालय से टूट चुका है। ग्रामीण जनता घरों में ही कैद होकर रह गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। कालीमठ घाटी के कई गाँव से सम्पर्क टूट गया है, ऐसे में जनता की मुश्किल बढ़ गई है। केदारनाथ हाईवे पर भूस्खलन का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश होते ही हाईवे पर भूस्खलन की घटनाओं में इजाफा हो जा रहा है। हाईवे पर मलबा भी बारिश की तरह बरस रहा है, जिससे सफर करना मौत को न्यौता देने जैसा हो गया है।
केदारघाटी की लाइफ लाइन, केदारनाथ हाईवे इस पर यात्रा करने वाले लोगों के लिये नासूर बन गया है। हाईवे पर लिसा फैक्ट्री रामपुर, डोलिया देवी, काकड़ागाड आदि स्थानों पर मलबा आने का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। यहाँ पर घंटों तक आवाजाही प्रभावित हो रही है। इधर, केदारनाथ धाम में दो दिनों से बारिश जारी है। बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा बुरी तरह प्रभावित हो गई है। हालांकि बारिश और भूस्खलन के बाद भी कुछ यात्री जान जोखिम में डालकर केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि मौसम विभाग ने 48 घंटे का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में थाना चौकियों एवं तहसील प्रशासन को अलर्ट रहने के लिये कहा गया है। उन्होंने कहा कि राजमार्ग के बन्द होने पर उसे घंटे, दो घंटे में खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं, जबकि ग्रामीण लिंक मार्गों के बन्द होने वहाँ तत्काल जेसीबी भेजने में देरी हो रही है। बावजूद इसके लिंक मार्गों को भी समय से खोलने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदाकिनी व अलकनंदा नदियों की हर दिन मॉनीटरिंग की जा रही है और जल-स्तर पर आस-पास बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में हालात अभी काबू में है। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिये गये हैं।
रुद्रप्रयाग, केदारनाथ में पिछले 12 घंटों से लगातार बारिश जारी है। बारिश के कारण मंदाकिनी और सरस्वती नदियों का जल-स्तर काफी बढ़ चुका है, जिसके कारण सुरक्षा दीवारों के साथ ही गरुड़चट्टी को जोड़ने वाला पुल भी इनकी चपेट में आ गया है। नदियों का पानी पुल के ऊपर से निकल रहा है, जिससे कभी भी पुल धराशायी हो सकता है। केदारनाथ में बारिश और नदी के बढ़ते जल-स्तर को देखते हुए हाई अर्लट जारी किया गया है। गरुड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल पर फिलहाल आवाजाही बन्द कर दी गई है। केदारनाथ में लगातार जारी बारिश के कारण हालात बिगड़ गये हैं। वहाँ दो दिनों से लगातार जारी बारिश के कारण केदारनाथ से बहने वाली सरस्वती और मंदाकिनी नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। नदियों का जल-स्तर बढ़ने से गरुड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल के ऊपर से पानी बह रहा है, ऐसे में कभी भी पुल तेज धारा में बह सकता है, जिसके बाद श्रद्धालुओं एवं मजदूरों की मुश्किलें बढ़ जाएँगी।
गरुड़चट्टी में कई मजदूर एवं साधु संत रुके हुए हैं जबकि कई मजदूर और साधु संत इस पार से उस पार नहीं जा पा रहे हैं। केदारनाथ से गरुड़चट्टी को जोडने वाला एकमात्र पुल है, जिसमें प्रतिदिन साधु-महात्मा, मजदूरों एवं श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के री-डेवलपमेंट कार्य के तहत गरुड़चट्टी में कार्य किया जा रहा है। कई दिनों से केदारनाथ में बारिश हो रही है, लेकिन शुक्रवार रात से बारिश ने रुकने का नाम नहीं लिया है। कुछ ही घंटो में मंदाकिनी और सरस्वती नदियों का जल-स्तर अचानक से बढ़ गया जिससे गरुड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल के ऊपर पानी बह रहा है। ऐसे में पुलिस की ओर से पुल पर किसी भी प्रकार की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। गरुड़चट्टी के उस पार लोगों से फोन से बात की जा रही है।
लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ में भी हालात बदतर होने लगे हैं। बारिश के कारण जहाँ केदारनाथ यात्रा प्रभावित हो रही है। वहीं अब केदारनाथ धाम से निकलने वाली मंदाकिनी नदी ने केदारनाथ धाम से विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिस कारण वहाँ रह रहे लोग भी भयभीत हो गये हैं। बढ़ते जल-स्तर के कारण नदी केदारनाथ में दो भागों में विभाजित हो गई है। नदी का जल-स्तर इतना बढ़ गया है कि नदी दो धाराओं में बह रही है। नदी ने अपना रुख भी बदल दिया है। हालांकि केदारनाथ मन्दिर की सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किये गये हैं और इसे तीन प्रकार की सुरक्षा दीवारों से घेरा गया है। लगातार नदी के जल-स्तर पर नजर रखा जा रहा है। यदि नदी का जल-स्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो निचले क्षेत्रों को भी खतरा पैदा हो सकता है। केदारनाथ धाम में एक बार फिर से जगह-जगह धाराएँ फूटने लग गई हैं।
वर्ष 2013 में जब केदारनाथ में आपदा आई थी तो इसी तरह से जगह-जगह धाराएँ फूटी थीं और मंदाकिनी नदी ने विकराल रूप धारण किया था। अब धीरे-धीरे मंदाकिनी नदी का पानी केदारनाथ से गुजरकर निचले क्षेत्रों में जा रहा है। ऐसे में निचले क्षेत्रों में भी खतरा पैदा हो गया है। केदारनाथ पुलिस चौकी इंचार्ज बिपिन चन्द्र पाठक ने कहा कि पुल के पास पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही स्थानीय लोगों को अलर्ट पर रखा गया है।
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