त्याग दी परम्परा ताकि नदी साफ हो सके


पंबा नदीफोटो साभार - नया इंडिया

पथानमथिट्टा। सबरीमाला मंदिर आने वाले दो लाख श्रद्धालुओं ने स्थानीय पंबा नदी को स्वच्छ बनाने के लिये प्राचीन परम्परा को त्याग दिया। मिशन ग्रीन सबरीमाला के तहत श्रद्धालुओं ने शपथ ली कि वे पंबा नदी में वस्त्र फेंकने की परम्परा को त्याग कर नदी को साफ रखेंगे। इसके लिये करीब दो लाख लोगों ने हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लेकर अपना समर्थन दिया। अब इस नेक काम के लिये इतने हस्ताक्षर इकट्ठा करने का लक्ष्य है कि यह एक विश्व कीर्तिमान बन सके और लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज हो सके।

छह भाषाओं में शपथ


नदी की स्वच्छता के लिये शपथ ग्रहण अभियान छह भाषाओं, हिन्दी अंग्रेजी, मलयालम, कन्नड़, तमिल और तेलुगू भाषा में चलाया जा रहा है। लोगों को शपथ दिलाई जा रही है कि, ‘मैं पंबा नदी में वस्त्र नहीं फेकूँगा। मैं इसे कूड़े के साथ निपटाऊँगा।’

कॉलेज छात्र कर रहे प्रतिदिन निवेदन


पथानमथिट्टा के जिला अधिकारी एस हरिकिशोर ने बताया कि यह एक मिथक है कि नदी में डुबकी लगाने के बाद कपड़े को नदी में छोड़ देना चाहिये। ये सच नहीं है। हम रोजाना 10 कॉलेज छात्रों की सेवा ले रहे हैं। वे श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हैं कि वे वस्त्र नहीं फेंकने की शपथ लें और कैनवस पर इससे सम्बंधित दस्तखत करें।

एनजीटी ने लताड़ा

नई दिल्ली, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वाराणसी में गंगा नदी में प्रदूषण पर केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली एक खंडपीठ ने कहा, इस तह की चीजें हो रही हैं, जो वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आप इस बारे में क्यों कुछ नहीं करते हैं? ’

 


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