तपा जेठ में जो चुइ जाय,
सभी नखत हलके परि जायँ।
शब्दार्थ- चुइ-टपक जाय। हलके – मंद/धीमा।
भावार्थ- ज्येष्ठ की मृगशिरा के अंतिम दस दिनों को दसतपा कहते हैं। इस दसतपे में यदि वर्षा की एक भी बूँद गिर गई तो समझो कि वर्षा के सभी नक्षत्रों में पानी हलका बरसेगा।
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